मेरे एक दोस्त ने कभी कहा था कि हम वही करते हैं जो हमारा मन करना चाहता है और उसके हिसाब से हम कारण चुन लेते हैं। मेरे मन ने कुछ कहा और क्यूंकि मैं अपने मन का कहा आकर आपके कान में नहीं कह पाऊंगा, इसलिए यह किताब लिखी। बात तो बस इतनी है कि कुछ बातें थीं जो आपके साथ बांटनी थीं। आप इतने मसरूपफ थे कि मिल ही नहीं रहे थे, तो यह किताब लिख दी। पढ़ कर देखिएगा, कहीं आप भी तो ऐसा कुछ नहीं कहना चाहते थे?
Jikra PB Hindi
₹150.00
In stock
मेरे एक दोस्त ने कभी कहा था कि हम वही करते हैं जो हमारा मन करना चाहता है और उसके हिसाब से हम कारण चुन लेते हैं। मेरे मन ने कुछ कहा और क्यूंकि मैं अपने मन का कहा आकर आपके कान में नहीं कह पाऊंगा, इसलिए यह किताब लिखी। बात तो बस इतनी है कि कुछ बातें थीं जो आपके साथ बांटनी थीं। आप इतने मसरूपफ थे कि मिल ही नहीं रहे थे, तो यह किताब लिख दी। पढ़ कर देखिएगा, कहीं आप भी तो ऐसा कुछ नहीं कहना चाहते थे?
Additional information
Author | Ashtam Neelkanth |
---|---|
ISBN | 9789352785278 |
Pages | 112 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352785274 |