ज्योति से ज्योति जले ओशो की एक अद्वितीय कृति है, जो आत्मिक जागरूकता और ध्यान के माध्यम से आंतरिक प्रकाश की ओर जाने का मार्ग दिखाती है। इस पुस्तक में, ओशो ने जीवन के गहरे रहस्यों को समझने के लिए ध्यान और आत्म-जागृति को आवश्यक बताया है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो अपने भीतर के प्रकाश की खोज में हैं।
ज्योति से ज्योति जले संत सुंदरदास के पदो पर ओशो द्वारा दिए गए प्रथम दस प्रवचनों का संकलन। संत सुंदरदास ने उजाले की इस यात्रा को ‘ज्योति से ज्योति जले’ कहा है। इस पृथ्वी पर एक व्यक्ति का दीया जलता है, पूरी पृथ्वी उसकी ज्योति से प्रकाशित होने लगती है, एक व्यक्ति बुद्धत्व को उपलब्ध होता है, तो हजारों लोगों के जीवन में रसधार प्रवाहित होने लगती है। ओशो कहते हैं कि और फिर यह श्रृंखला रुकती नहीं। इसी श्रृखंला से वस्तुत परंपरा पैदा होती है। सच्ची परंपरा इसी श्रृंखला का नाम है। एक झूठी परंपरा होती है जो जन्म से मिलती है। तुम हिंदू घर में पैदा हुए तो तुम मानते हो मैं हिंदू हूं। यह झूठी परंपरा है।
About the Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
ज्योति से ज्योति जले’ का मुख्य संदेश क्या है?
इस पुस्तक का मुख्य संदेश आत्म-जागृति और आंतरिक प्रकाश की खोज है, जो ध्यान और आत्मिक अनुभव के माध्यम से संभव है।
ओशो ने इस पुस्तक में ध्यान की क्या भूमिका बताई है?
ओशो ने ध्यान को आत्म-जागृति का प्रमुख साधन बताया है, जो आंतरिक प्रकाश की खोज और जीवन के गहरे सत्य को समझने में सहायक है।
ज्योति से ज्योति जले’ में आत्म-जागृति को कैसे व्यक्त किया गया है?
आत्म-जागृति को जीवन के गहरे अनुभवों और ध्यान के माध्यम से जागरूकता प्राप्त करने के रूप में व्यक्त किया गया है, जो आंतरिक प्रकाश को प्रकट करता है।
ज्योति से ज्योति जले’ का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य आत्म-जागृति और ध्यान के माध्यम से जीवन के गहरे सत्य को समझना और आंतरिक प्रकाश की खोज करना है।
क्या ओशो ने इस पुस्तक में ध्यान की तकनीकें दी हैं?
हां, ओशो ने ध्यान की सरल तकनीकें प्रस्तुत की हैं, जो आत्म-जागृति और ध्यान को गहराई से समझने में सहायक हैं।
ज्योति से ज्योति जले’ को पढ़ने से क्या लाभ होगा?
यह पुस्तक आत्म-जागृति, आंतरिक शांति, और ध्यान के माध्यम से जीवन के गहरे सत्य को समझने में मदद करती है, जो आत्मिक विकास की दिशा में प्रेरित करती है।