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Jyotish Mein Bhawan Vahan Aur Kirti Yog Hindi(PB)
Author | Dr. Bhojraj Dwivedi |
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ISBN | 9798171825799 |
Pages | 24 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Publication |
ISBN 10 | 8171825796 |
डॉ. भोजराज द्धिवेदी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या, रत्नविद्या, आकृति विज्ञान, यंत्र-तंत्र-मंत्र विज्ञान, कर्मकांड व पौरोहित पर लगभग ४०० पुस्तकें, ३,००० से अधिक राष्ट्रीय महत्त्व की भविष्यवाणियां, पूर्व प्रकाशित होकर समय-चक्र के साथ-साथ चलकर सत्य प्रमाणित हो चुकी हैं जो ज्योतिष जगत् का एक गौरवपूर्ण कीर्तिमान है। डॉ. द्धिवेदी द्वारा हजारों-लाखों भविष्यवाणियां लोगों के व्यक्तिगत जीवत हेतु की गई हैं जो चमत्कारिक रूप से सत्य सिद्ध हुई है। भूमि-भवन का क्रय या निर्माण आम आदमी के जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पहलू है। वाहन भी आज के व्यस्त जीवन का एक अत्यधिक आवश्यक अंग बन गया है। मनुष्य का सारा धन, दौलत व ऐश्वर्य यश के सामने फीका पड़ जाता है। अगर जीवन में यश नहीं तो जीवन निस्सार हो जाता है। शास्त्रों में कहा है यश रूपी शरीर से जो जीवित है वे ही वास्तव में जीवित है। अपयश का जीवन तो मृत्यु से बढ़कर दारुण दुखदाई है। इस ईष्यालु जगत में कोई बिरला भाग्यशाली व्यक्ति ही अपने विमल यश की कीर्ति-पताका-दिग्दिगंतर में फहरा सकता है। आपकी जन्मकुंडली में भू-भूमि-भवन-वाहन एवं कीर्ति का योग है या नहीं? है तो कितना विस्तृत है? उसकी सीमाएं क्या हैं? इन सभी तथ्यों का ज्योतिष योगों की दृष्टि से विवेचनात्मक विवेचन आप पहली बार इस पुस्तक के माध्यम से पढ़ पाएंगे।