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Jyotish Vigyan (ज्योतिष विज्ञान)

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A Book Is Forever
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Osho Quote
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पुस्तक के बारे में

ज्योतिष विज्ञान ओशो द्वारा लिखी गई एक गहन पुस्तक है, जिसमें प्राचीन भारतीय ज्योतिष के सिद्धांतों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। ओशो, जो अपने समय के सबसे प्रभावशाली और क्रांतिकारी आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं, ज्योतिष को केवल एक आस्था या विश्वास के रूप में नहीं, बल्कि एक गहन विज्ञान के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

इस पुस्तक में ओशो ज्योतिषीय गणनाओं, ग्रहों की चाल, और नक्षत्रों के जीवन पर प्रभाव के पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ओशो के अनुसार, ज्योतिष न केवल ग्रहों और तारों की चाल को समझने का विज्ञान है, बल्कि यह जीवन के गहरे रहस्यों और भविष्यवाणी की एक महत्वपूर्ण विद्या है।

ज्योतिष विज्ञान उन पाठकों के लिए एक अनूठी किताब है जो ज्योतिष के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं को ओशो की दृष्टि से समझना चाहते हैं।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

ज्योतिष विज्ञान क्या है?

ज्योतिष विज्ञान एक प्राचीन विद्या है जो ग्रहों, नक्षत्रों और आकाशीय पिंडों की स्थिति और उनके प्रभावों का अध्ययन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझना होता है कि इन आकाशीय पिंडों की चाल और स्थिति का मानव जीवन पर, पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं पर, और प्राकृतिक परिवर्तनों पर क्या प्रभाव पड़ता है मुख्य तत्व:ग्रह: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु-केतु। राशि चक्र: 12 राशियाँ, जो व्यक्ति के जन्म के समय निर्धारित होती हैं। कुंडली: जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर बनाई गई भविष्यवाणी चार्ट। दशाएँ और गोचर: ग्रहों की चाल और उनके प्रभाव। उद्देश्य: व्यक्ति के जीवन की घटनाओं जैसे स्वास्थ्य, करियर, विवाह, और भाग्य की जानकारी देना। महत्व: मार्गदर्शन और आत्म-जागरूकता के लिए उपयोग, विशेषकर भारतीय संस्कृति में।

क्या ओशो ज्योतिष में विश्वास करते हैं?

ओशो ज्योतिष को एक गहरे विज्ञान और आत्म-जागृति के साधन के रूप में मानते हैं। वे यह नहीं मानते कि ज्योतिष सिर्फ भविष्यवाणियों तक सीमित है, बल्कि उनके अनुसार यह ब्रह्मांड और मनुष्य के बीच संबंध को समझने का एक तरीका है। ओशो का दृष्टिकोण ज्योतिष को सिर्फ भाग्य बताने वाला विज्ञान नहीं मानता, बल्कि इसे आत्म-समझ और आंतरिक विकास का मार्ग समझते हैं। उनके अनुसार, ज्योतिष का उपयोग हमारे भीतर की ऊर्जा और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ तालमेल बिठाने के लिए किया जा सकता है।

ज्योतिष विज्ञान ओशो द्वारा क्यों पढ़ें?

ओशो इस पुस्तक में ज्योतिष को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं। यह पुस्तक ग्रहों और नक्षत्रों के हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को गहराई से समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।

क्या विज्ञान ज्योतिष में विश्वास करता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ज्योतिष को आमतौर पर एक विज्ञान नहीं माना जाता। ज्योतिष में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर भविष्यवाणियाँ की जाती हैं, लेकिन विज्ञान इसे प्रमाणित करने वाले ठोस प्रमाण और विश्लेषणात्मक तरीकों का अभाव मानता है। वैज्ञानिक समुदाय ज्योतिष को एक अंधविश्वास या सांस्कृतिक विश्वास के रूप में देखता है, जिसका कोई सटीक वैज्ञानिक आधार नहीं होता। इसलिए, ज्योतिष को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वीकार्यता नहीं मिली है।

ओशो के अनुसार, क्या ज्योतिष में भाग्य बदला जा सकता है?

ओशो का मानना है कि ज्योतिष भाग्य बताने के साथ-साथ हमें आत्म-जागरूकता की दिशा में भी मार्गदर्शन करता है। उनके अनुसार, ग्रहों का प्रभाव स्थायी नहीं होता, बल्कि आत्म-जागृति और सही समझ से इसे बदला जा सकता है।

Additional information

Weight 130 g
Dimensions 20.32 × 20.32 × 0.59 cm
Author

Osho

ISBN

9789350836224

Pages

143

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Power Learning

Amazon

https://amzn.eu/d/hwbJb1V

Flipkart

https://www.flipkart.com/jyotish-vigyan/p/itme952gfyvsxkff?pid=9789350836224&lid=LSTBOK9789350836224EX8P0I&marketplace=FLIPKART&q=9789350836224&store=search.flipkart.com&srno=s_1_1&otracker=search&otracker1=search&fm=organic&iid=8361638a-f936-44b7-a1e6-cf

ISBN 10

935083622X

एक, जिसे हम कहें अनिवार्य, एसेन्शियल, जिसमें रत्ती भर फर्क नहीं होता। वही स्वाभाविक कठिन है उसे जानना। फिर उसके बाहर की परिधि है – नॉन-एसेन्शियल, जिसमें सब परिवर्तित हो सकते हैं। मगर बस उसी को जानने की उत्सुकता होती है। और इन दोनों के बीच में एक परिधि है — सेमी-एसेन्शियल, अर्ध अनिवार्य, जिसमें जानने से परिवर्तन हो सकते हैं, न जानने से कभी परिवर्तन नहीं होंगे। तीन हिस्से कर लें। एसेन्शियल, जो बिलकुल गहरा है, अनिवार्य, जिसमें कोई और अंतर नहीं हो सकता। उसे जानने के बाद उसके साथ सहयोग करने के सिवाय कोई उपाय नहीं है। मूल में इस अनिवार्य की खोज के लिए ही ज्योतिष की खोज को, अरस्तू ने कहा। उसके बाद दूसरा हिस्सा है: सेमी-एसेन्शियल, अर्ध अनिवार्य। अगर जान लें तो बदल सकते हैं, अगर नहीं जानेंगे तो नहीं बदल पाएंगे। अज्ञात रहेगा, तो जो होना है वह हो रहेगा। ज्ञान होगा, तो आर्टिस्टिकनेस है, विकल्प है, बदलावट हो सकती है। और तीसरा सबसे ऊपर का स्तरभूत, वह है: नॉन-एसेन्शियल। उसमें कुछ भी जरूरी नहीं है। सब सांयोगिक है। — ओशो


पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:

  • क्या ज्योतिष एक विज्ञान है?
  • ज्योतिष का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
  • ज्योतिष आज के संदर्भ में
  • क्या ज्योतिष एक अंधविश्वास है?

ISBN10-935083622X

 

 

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