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पुस्तक के बारे में
**”प्रेम एक रहस्य है। सबसे बड़ा रहस्य। रहस्यों का रहस्य!
प्रेम से ही बना है अस्तित्व और प्रेम से ही समझ में आता है। प्रेम से ही हम उतरते हैं जगत में और प्रेम की सीढ़ी से ही हम जगत के पार जा सकते हैं। प्रेम को जिसने समझा उसने परमात्मा को समझा। और जो प्रेम से वंचित रहा वह परमात्मा की लाख बात करे, बात ही रहेगी, परमात्मा उसके अनुभव में न आ सकेगा। प्रेम परमात्मा को अनुभव करने का द्वार है। प्रेम आंख है।
मोहब्बत एक राज है—एक भेद, एक कुंजी—जिससे अस्तित्व के सारे ताले खुल जाते हैं। …
प्रेम एक क्रांति है, क्योंकि तुम उठने लगते हो—जीवन की क्षुद्रता से विराट की तरफ; सीमा से असिम की तरफ।**
ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
लेखक के बारे में
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
यह वाक्य हमें सिखाता है कि जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने के लिए जागरूक और सक्रिय रहना जरूरी है। संघर्षों को सुलझाने के लिए आलस्य को त्याग कर कर्मशील होना आवश्यक है।
इसे अपने जीवन में लागू करने के लिए हमें हर दिन नए अवसरों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, समय का सदुपयोग करना चाहिए, और आलस्य छोड़कर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
इसका संदेश यह है कि हमें जीवन में आलस्य से बचकर जागरूक और सक्रिय रहना चाहिए। यह जीवन को उद्देश्यपूर्ण और प्रेरणादायक बनाता है, जिससे हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
नहीं, इसका मतलब केवल शारीरिक नींद से नहीं है। यह मानसिक और आध्यात्मिक जागरूकता की कमी का प्रतीक भी है। इसका सन्देश है कि जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पाने के लिए सतर्क और सचेत रहना चाहिए।
संतों की वाणी में इसका उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि लोगों को ध्यान, आत्म-जागरूकता, और आध्यात्मिक प्रयासों के प्रति प्रेरित किया जा सके। यह आलस्य को त्याग कर मुक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।
Weight | 470 g |
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Dimensions | 21.6 × 14 × 2 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9789350832011 |
Pages | 24 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Jr Diamond |
ISBN 10 | 9350832011 |
का सोवै दिन रैन संत कबीर की एक महत्वपूर्ण रचना है, जो जीवन की जागरूकता और आत्मिक विकास पर केंद्रित है। इसमें कबीर ने जागने और सोने को जीवन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है, जो हमें हर क्षण में जागरूक रहने की प्रेरणा देता है। आत्मज्ञान और सत्य की खोज के मार्ग पर चलने के लिए यह रचना एक अमूल्य स्रोत है। कबीर की गहन विचारधारा इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को आत्मिक यात्रा पर प्रेरित करती है।
ISBN10:9350832011
Books, Diamond Books, Osho, Religions & Philosophy