पाश्चात्य तथा पूर्वीय काम-शास्त्रियों ने अनेक खोजपूर्ण और महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे हैं। उनसे बहुत-सी महत्त्वपूर्ण बातों का सार लेकर तथा अपने अनुभव और विचार का सहारा लेकर हमने इस पुस्तक को लिखा है। यद्यपि यह पुस्तक इस विषय की पूरी पुस्तक नहीं है, फिर भी इसमें जानने और समझने योग्य इतनी बातें आ गई हैं जितनी हिन्दी की किसी दूसरी पुस्तक में अभी तक प्रकाशित नहीं हुईं। हमें आशा है कि इससे बहुत गृहस्थों को लाभ होगा।
इस पुस्तक में कुछ बिल्कुल नए सिद्धान्त और विचार प्रकट किए गये हैं, जिनका मूल्य बारम्बार मनन करने और गम्भीरता से विचार करने पर मालूम होगा। एक बात मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूँ कि यह ग्रन्थ नवयुवकों के लिए कदाचित् उतना उपयोगी साबित न हो जितना प्रौढ़ सद्-गृहस्थों के लिए। वे इससे जितना लाभ उठाएँगे उतना ही मेरा परिश्रम सफल होगा।
Kaam-Kala Ke Bhed (काम-कला के भेद)
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पाश्चात्य तथा पूर्वीय काम-शास्त्रियों ने अनेक खोजपूर्ण और महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे हैं। उनसे बहुत-सी महत्त्वपूर्ण बातों का सार लेकर तथा अपने अनुभव और विचार का सहारा लेकर हमने इस पुस्तक को लिखा है। यद्यपि यह पुस्तक इस विषय की पूरी पुस्तक नहीं है, फिर भी इसमें जानने और समझने योग्य इतनी बातें आ गई हैं जितनी हिन्दी की किसी दूसरी पुस्तक में अभी तक प्रकाशित नहीं हुईं। हमें आशा है कि इससे बहुत गृहस्थों को लाभ होगा।
इस पुस्तक में कुछ बिल्कुल नए सिद्धान्त और विचार प्रकट किए गये हैं, जिनका मूल्य बारम्बार मनन करने और गम्भीरता से विचार करने पर मालूम होगा। एक बात मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूँ कि यह ग्रन्थ नवयुवकों के लिए कदाचित् उतना उपयोगी साबित न हो जितना प्रौढ़ सद्-गृहस्थों के लिए। वे इससे जितना लाभ उठाएँगे उतना ही मेरा परिश्रम सफल होगा।
About the Author
Author | Acharya Chatursen |
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ISBN | 9789355993922 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Junior Diamond |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/kaam-kala-ke-bhed/p/itm46958b3efa0f0?pid=9789355993922 |
ISBN 10 | 9355993927 |