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कबीर बीजक संत कबीर द्वारा लिखित एक अद्वितीय संग्रह है, जिसमें उनके दोहे, पद, और साखियाँ शामिल हैं। इसमें कबीर के गहरे आध्यात्मिक और सामाजिक विचार व्यक्त किए गए हैं, जो सत्य, प्रेम, और मानवता पर आधारित हैं। यह ग्रंथ कबीर के जीवन के दर्शन और उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत है। कबीर बीजक आज भी पाठकों को जीवन के गहरे सत्य और मोक्ष की राह पर प्रेरित करता है। इसे पढ़कर व्यक्ति अपने भीतर की सच्चाई और परम सत्य को समझ सकता है।
कबीरदास के अनुसार, सच्ची भक्ति किसी बाहरी आडंबर या कर्मकांड में नहीं, बल्कि हृदय की गहराइयों में स्थित सच्चे प्रेम और विश्वास में होती है। इसे प्राप्त करने के लिए मन की पवित्रता, सरलता, और ईश्वर के प्रति संपूर्ण समर्पण की आवश्यकता है।
u0022साखीu0022 और u0022रमैनीu0022 में कबीर ने अपने अनुभवों और सच्चाई की बातों को छोटी-छोटी कविताओं में संजोया है। ये दोहों के माध्यम से गहरे आध्यात्मिक और नैतिक संदेश देते हैं और कबीर की शिक्षाओं का सार प्रस्तुत करते हैं।
कबीर के अनुसार आत्मज्ञान का मार्ग आंतरिक खोज और आत्मनिरीक्षण से होकर गुजरता है। उन्होंने बाहरी साधनों के बजाय आत्मा के भीतर की दिव्यता को समझने पर जोर दिया है, जो आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।
कबीर मानते हैं कि अंधविश्वास और कुरीतियाँ हमें सच्चाई से भटकाते हैं और हमारे मन को भ्रम में डाल देते हैं। इससे हम अपनी आत्मा की वास्तविकता और ईश्वर के सत्य स्वरूप को पहचानने में असमर्थ हो जाते हैं।
कबीर ने जात-पात और धर्म के आधार पर भेदभाव को अस्वीकार किया है। उनका मानना था कि सभी मनुष्य समान हैं और जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उनके अनुसार, सच्चा धर्म प्रेम और करुणा का मार्ग है।
Weight | 230 g |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 × 1.47 cm |
Author | Swami Anand Kulshresth |
ISBN | 9789351653974 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9351653978 |
“उसकी केवल एक ही जाति होती है मानव जाति, एक ही धर्म होता है मानव धर्म। महात्मा संत कबीर ने यही किया। उनका सम्पूर्ण जीवन अध्यात्म, मानव प्रेम, मानव कल्याण और समस्त धर्मों को बंधुत्व के एक सूत्र में बांधने के लिए समर्पित रहा। वैचारिक गहनता के बीचों-बीच सहज संवेदना को पांडित्य बना ले जाने में कबीर की रचनाएं अद्भुत हैं। जीवन के जटिल और बौद्धिक पक्षों को भी नितांत खिलंदड़े अंदाज में बयान करती हैं। उनकी रचनाएं अपनी सरलता और मार्मिकता पर भी आंच नहीं आने देती। ईश्वर की आराधना में रची-बसी उनकी रचनाएं में सौंधी मिट्टी की खुशबू की तरह मन को तरंगित करती हुई दिल को छू जाने की क्षमता है। उनकी रचनाएं खुद बोलती हैं और जिसकी अंजलि में जितना समाता है, देती चलती हैं। कभी-कभी तो यह सोचकर विस्मय और अनुभूत होता है कि कबीर की संवेदना की मात्र कुछ बूंदों से ढूंढ़ने वाले ने अपनी गागर भर ली। ‘कबीर बीजक’ कबीर की अप्रतिम रचनाओं का अद्भुत संकलन है जिसमें उनके शब्द, जो मात्र स्थूल अर्थ में नहीं, अनेक ध्वनियों में प्रतिध्वनित होते हैं, क्योंकि उनकी नजर में, ईश्वर और अल्लाह एक हैं।”
ISBN10-9351653978
Books, Diamond Books, Family Health
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