Kah Nawab Kavi Rai Hindi(PB)
Kah Nawab Kavi Rai Hindi(PB)
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कह नवाब कविराय पुस्तक हिन्दी काव्य जगत में एक नई शैली का प्रवर्तन है। गिरधर कविराय की कुण्डलियां से छन्द के उपदेशात्मक, धार्मिक, एवं नीतिपरक होने की मान्यता को तोड़ते हुए यह पुस्तक इस तथ्य का प्रामाणिक साक्ष्य है कि कुण्डलियां छन्द में जीवन के सभी रसों एवं विषयों को पूरी भावपूर्णता के साथ व्यक्त किया जा सकता है।
श्रृंगार हाला, ऋतु परिवर्तन, लोक जीवन के सहज बिम्बों को पूरी जीवन्तता से उकेरने वाली इन कुंडलियों को पढ़कर पाठक विभोर होने के साथ-साथ कवि के कौशल से चमत्कृत हुए बिना नहीं रहेंगे। साथ ही इनमें विद्यमान लयात्मकता के कारण पाठक बरबस इन्हें गुनगुनाने का लोभ संवरण नहीं कर पाएंगे। डा. ए.के. श्रीवास्तव, नवाब शाहाबादी मूलत चिकित्सक होते हुए भी हिन्दी एवं उर्दू पर समान अधिकार रखने वाले लोकप्रिय रचनाकार हैं।
आपके गीतों और गजलों की अनेक पुस्तकें पहला सफर, ये अन्दाजे बयां मेरा, अंधेरे से उजाले तक गीतों के गांव में प्रेम लकीरे पाठकों के बीच लोकप्रियता अर्जित कर चुकी हैं। नक्शे सानी नाम से आपकी गजलों का कैसेट भी आ चुका है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित नवाब शाहाबादी हिन्दी एवं उर्दू के श्रोताओं में भी उतने लोकप्रिय हैं जितने पाठकों में।
Additional information
Author | Navab Sahabadi |
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ISBN | 9788128821851 |
Pages | 128 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128821857 |