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हमारी पुरानी कहावतें, मुहावरे, हमारा इतिहास और हमारे शास्त्र हमारी वह अनमोल धरोहर है, जिनको यदि नजदीक से समझा जाए तो हमारा जीवन पूरी तरह से बदल सकता है। एक ही पल में हम सफलता के डगर पर अपने कदम बढ़ा सकते हैं। यह पुस्तक “कहावतों से कामयाबी की ओर” में इन सबका भरपूर वर्णन किया है ताकि हमारा युवा भी हमारी अनमोल धरोहर से अपने जीवन में मनचाही तरक्की पा सके।
बेहद सरल और आधुनिक भाषा में लिखी गई यह किताब हमारे युवाओं का उचित मार्गदर्शन करेगी ।
About the Author
लेखक श्री अजय सिंघल का जन्म वर्ष 1960 में हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले में हुआ था। एक व्यवसायिक परिवार में जन्म होने के कारण इन्हे बचपन से ही व्यापारिक चुनौतियों को काफी नजदीक से देखने और समझने के मौके मिले। अंदर के व्यापारिक गुणों से अवगत होते हुए और पारिवारिक सहयोग से वर्ष 1978 में इन्होने स्वयं का व्यवसाय शुरू किया।
प्रारंभ से ही श्री सिंघल को युवा शक्ति पर असीम विश्वास रहा है। युवाओं को साथ लेकर उन्होंने एक सफल संगठन की नींव डाली और आज उनका उद्यम भारत के प्रतिष्ठित और सफलतम लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई चैन उद्यमों में से एक है। श्री सिंघल इसी उद्यम से आधारित एक संस्थान भी चलाते हैं जो न्यूनतम मूल्य पर शिक्षा प्रदान करता है और साथ ही भारत के लॉजिस्टिक्स व्यवसाय के अवसर भी उपलब्ध कराता है।
Author | Ajay Singhal |
---|---|
ISBN | 9789356841970 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/kahawato-se-kamyabi-ki-aur/p/itm8388b5c91bf97?pid=9789356841970 |
ISBN 10 | 9356841977 |
हमारी पुरानी कहावतें, मुहावरे, हमारा इतिहास और हमारे शास्त्र हमारी वह अनमोल धरोहर है, जिनको यदि नजदीक से समझा जाए तो हमारा जीवन पूरी तरह से बदल सकता है। एक ही पल में हम सफलता के डगर पर अपने कदम बढ़ा सकते हैं। यह पुस्तक “कहावतों से कामयाबी की ओर” में इन सबका भरपूर वर्णन किया है ताकि हमारा युवा भी हमारी अनमोल धरोहर से अपने जीवन में मनचाही तरक्की पा सके।
बेहद सरल और आधुनिक भाषा में लिखी गई यह किताब हमारे युवाओं का उचित मार्गदर्शन करेगी ।
About the Author
लेखक श्री अजय सिंघल का जन्म वर्ष 1960 में हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले में हुआ था। एक व्यवसायिक परिवार में जन्म होने के कारण इन्हे बचपन से ही व्यापारिक चुनौतियों को काफी नजदीक से देखने और समझने के मौके मिले। अंदर के व्यापारिक गुणों से अवगत होते हुए और पारिवारिक सहयोग से वर्ष 1978 में इन्होने स्वयं का व्यवसाय शुरू किया।
प्रारंभ से ही श्री सिंघल को युवा शक्ति पर असीम विश्वास रहा है। युवाओं को साथ लेकर उन्होंने एक सफल संगठन की नींव डाली और आज उनका उद्यम भारत के प्रतिष्ठित और सफलतम लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई चैन उद्यमों में से एक है। श्री सिंघल इसी उद्यम से आधारित एक संस्थान भी चलाते हैं जो न्यूनतम मूल्य पर शिक्षा प्रदान करता है और साथ ही भारत के लॉजिस्टिक्स व्यवसाय के अवसर भी उपलब्ध कराता है।
ISBN10-9356841977
Diamond Books, Business and Management, Economics
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics
Diamond Books, Diet & nutrition