Sale!

कर्म भूमि-(Karmabhoomi)

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

-0%

In stock

Free shipping On all orders above Rs 600/-

  • We are available 10/5
  • Need help? contact us, Call us on: +91-9716244500
Guaranteed Safe Checkout

प्रेमचंद का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास कर्मभूमि

प्रेमचंद साहित्य में ‘कर्मभूमि’ उपन्यास का अपनी क्रांतिकारी चेतना के कारण, विशेष महत्व है। यह उस दौर की कहानी है जब देश गुलाम था। लोग अंग्रेजों के जुल्म के शिकार हो रहे थे। हर कहीं जनता उठ रही थी। उसको रोकना अथवा संयमित करना असंभव था। यह असाधारण जन-जागरण का युग था। नगरों और गांवों में, पर्वतों और घाटियों में, सभी जगह जनता जागृत और सक्रिय थी। कठोर से कठोर दमन-चक्र भी उसे दबा नहीं सका। यह विप्लवकारी भारत की गाथा है। गोर्की के उपन्यास, ‘मां’ के समान ही यह उपन्यास भी क्रांति की कला पर लगभग एक प्रबंध ग्रंथ है।

कथा पर गांधीवाद का प्रभाव बहुत स्पष्ट है। अहिंसा पर बार-बार बल दिया गया है। साथ ही इस उपन्यास में एक क्रांतिकारी भावना भी है, जो किसी भी प्रकार समझौतापरस्ती के खिलाफ है। समीक्षकों इस उपन्यास को मुंशी प्रेमचंद की सबसे क्रांतिकारी रचना मानते हैं।

ISBN10-8171822525

कर्म भूमि-0
कर्म भूमि-(Karmabhoomi)
250.00 Original price was: ₹250.00.249.00Current price is: ₹249.00.

“कर्मभूमि” मुंशी प्रेमचंद का एक कालजयी उपन्यास है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, जातिवाद, और सामाजिक समस्याओं के इर्द-गिर्द घूमता है। यह कहानी समाज में सुधार की आवश्यकता और भारतीय जनता के संघर्षों को उजागर करती है। प्रेमचंद ने इस उपन्यास के माध्यम से भारतीय समाज के वास्तविक जीवन को चित्रित किया है।

A Book Is Forever
कर्म भूमि-(Karmabhoomi)
Karmabhoomi : (कर्मभूमि)
कर्म भूमि-(Karmabhoomi)
Karmabhoomi : (कर्मभूमि)
कर्म भूमि-(Karmabhoomi)

About the Author

धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है।

कर्मभूमि” किसने लिखी है?

कर्मभूमि” मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है, जो हिंदी साहित्य के महान लेखक हैं।

कर्मभूमि” का मुख्य विषय क्या है?

इस उपन्यास का मुख्य विषय स्वतंत्रता संग्राम, जातिवाद, सामाजिक सुधार, और भारतीय समाज में व्याप्त समस्याएँ हैं।

कर्मभूमि किस कालखंड पर आधारित है?

यह उपन्यास भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौर पर आधारित है, जब देश में सामाजिक और राजनीतिक बदलावों की लहर चल रही थी

कहानी का प्रमुख पात्र कौन है?

प्रमुख पात्र अमरकांत है, जो सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए संघर्ष करता है और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेता है।

कर्मभूमि में जातिवाद का मुद्दा कैसे उठाया गया है?

कर्मभूमि” में जातिवाद को समाज की एक बड़ी समस्या के रूप में चित्रित किया गया है और इसके समाधान की आवश्यकता को उजागर किया गया है।

Additional information

Weight 330 g
Dimensions 21.6 × 14 × 1.5 cm
Author

Prem Chand

ISBN

8171822525

Pages

208

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822525