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Karoona Aur Kranti by osho-करुणा और क्रांति

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ओशो – करुणा और क्रान्ति

अगर करुणा आ जाए तो क्रान्ति अनिवार्य है। क्रान्ति सिर्फ करुणा की परिधि, छाया से ज्यादा नहीं है। और जो क्रान्ति करुणा के बिना आएगी, बहुत खतरनाक होगी। ऐसी बहुत क्रान्तियां हो चुकी हैं और वे जिन बीमारियों को दूर करती हैं, उनसे बड़ी बीमारियों को अपने पीछे छोड़ जाती हैं।

— ओशो

ISBN10-8128809954 ISBN10-8128809954

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Karoona Aur Kranti By Osho-करुणा और क्रांति
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Karoona Aur Kranti By Osho-करुणा और क्रांति

करुणा और क्रांति में ओशो ने करुणा के महत्व और उसकी शक्ति पर जोर दिया है। इस पुस्तक में वह बताते हैं कि करुणा केवल एक भावना नहीं, बल्कि यह एक क्रांति का माध्यम भी है। ओशो का मानना है कि जब हम करुणा को अपने जीवन में अपनाते हैं, तब हम अपने भीतर की नफरत, द्वेष और संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं। यह पुस्तक न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए भी प्रेरित करती है।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eकरुणा और क्रांति’ का मुख्य विषय क्या है?u003c/strongu003e

इस पुस्तक का मुख्य विषय करुणा और उसकी क्रांतिकारी शक्ति है। ओशो ने इसमें बताया है कि करुणा केवल एक भावना नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में गहरे बदलाव लाने का माध्यम है। करुणा को अपनाकर हम अपने भीतर की नकारात्मकता को समाप्त कर सकते हैं।

u003cstrongu003eओशो का करुणा के बारे में क्या दृष्टिकोण है?u003c/strongu003e

ओशो का मानना है कि करुणा एक गहरी समझ और सहानुभूति से उत्पन्न होती है। वे कहते हैं कि जब हम करुणा को अपने जीवन में शामिल करते हैं, तब हम न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। करुणा हमारे जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बनाती है।

u003cstrongu003eइस पुस्तक का उद्देश्य क्या है?u003c/strongu003e

इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को करुणा के महत्व को समझाना और उन्हें इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करना है। ओशो चाहते हैं कि लोग अपने भीतर की नफरत और द्वेष को छोड़कर करुणा के मार्ग पर चलें। यह पुस्तक व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन का एक साधन है।

u003cstrongu003eक्या इस पुस्तक में ध्यान की तकनीकें शामिल हैं?u003c/strongu003e

इस पुस्तक में ओशो ने ध्यान और आत्म-जागरूकता की चर्चा की है, जो करुणा को विकसित करने में सहायक हैं। हालांकि इसमें विशिष्ट तकनीकें नहीं हैं, लेकिन ओशो ने करुणा और ध्यान के संबंध को स्पष्ट किया है। ध्यान से करुणा की भावना को और गहरा किया जा सकता है।

u003cstrongu003eयह पुस्तक किसके लिए है?u003c/strongu003e

यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में करुणा को शामिल करना चाहते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। चाहे आप साधक हों या एक सामान्य व्यक्ति, यह पुस्तक आपको करुणा के महत्व और उसके प्रभाव को समझने में मदद करेगी।

Additional information

Weight 125 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1 cm
Author

Osho

ISBN

8128809954

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128809954

ISBN : 9798128809957 SKU 9798128809957 Category Tags , ,

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