Khel Khelna Bahut Zaroori (खेल खेलना बहुत ज़रूरी)

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इस संग्रह में विविध अनुभवों से प्रेरित कविताएँ हैं। त्योहार हैं तो पुस्तक भी है, जादूगर है तो चुनावी हथकंडे वाली ‘शेखचिल्ली बिल्ली’ भी है, आलस है तो बिजली रानी भी है। मौसम भी है और बहुत कुछ और भी।
गिरिराजशरण अग्रवाल जी ने दो- तीन बातों का विशेष ध्यान रखा है। एक तो वक्ता के रूप में वे प्रायः बच्चे को ही सामने लाए हैं, दूसरे भाषा को कहीं भी बोझिल नहीं बनने दिया है और तीसरे लय और गेयता को पूरी तरह सँजोया है। अभिव्यक्ति- कौशल की दृष्टि से कहीं-कहीं आलस की बहती नदिया जैसे मनभावन चित्र भी मिल जाएँगे।
-दिविक रमेश

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इस संग्रह में विविध अनुभवों से प्रेरित कविताएँ हैं। त्योहार हैं तो पुस्तक भी है, जादूगर है तो चुनावी हथकंडे वाली ‘शेखचिल्ली बिल्ली’ भी है, आलस है तो बिजली रानी भी है। मौसम भी है और बहुत कुछ और भी।
गिरिराजशरण अग्रवाल जी ने दो- तीन बातों का विशेष ध्यान रखा है। एक तो वक्ता के रूप में वे प्रायः बच्चे को ही सामने लाए हैं, दूसरे भाषा को कहीं भी बोझिल नहीं बनने दिया है और तीसरे लय और गेयता को पूरी तरह सँजोया है। अभिव्यक्ति- कौशल की दृष्टि से कहीं-कहीं आलस की बहती नदिया जैसे मनभावन चित्र भी मिल जाएँगे।
-दिविक रमेश

Additional information

Author

Dr. Giriraj Sharan Agrawal

ISBN

9789359644646

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359644641

Flipkart

https://www.flipkart.com/khel-khelna-bahut-zaroori-hindi/p/itmadad4aaaa91e1?pid=9789359644646

ISBN 10

9359644641