About the Book
ख़ुशी का ओ. टी. पी. एक प्रेरणादायक और जीवन को बदलने वाली पुस्तक है मन अपने को बहलाने के लिए अपनी मोह-माया को बनाए रखने के लिए कुछ-न-कुछ उपाय ढूँढ ही लेता है।’खुशी का ओ.टी.पी.’ पुस्तक भी कुछ यही करने का संकल्प लेकर हमारे समक्ष आयी है। उपाय ढूंढते रहना और संतुलित, सुखी, ख़ुशहाल जीवन जीते रहना ही तो जीवन का उद्देश्य है। जीवन जीने के मर्म को समझाने के लिए बहुत ही सुन्दर शीर्षक ‘खुशी का ओ.टी.पी.’ के साथ अपनी बात रखते हुए फ़रीदाबाद की सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अंजु दुआ जैमिनी जी ने महत्वपूर्ण निर्देशों को संकलित करने का सफल प्रयास किया है।खुशी क्या है? कैसे पहचानें? पहचान लें तो किस तरह की प्रतिक्रिया हो कि ख़ुशी से मन को सबल बनाने के लिए, खुद को, औरों को, रिश्तों को, कठिनाइयों को, समाधान के उपायों को, जानने व समझने तथा अमल में लाने के लिए बेहतर मार्गदर्शिका है यह पुस्तक ।
About the Author
डॉ. अंजु दुआ जैमिनी, स्वतंत्र लेखक, अध्यक्ष नई दिशाएँ हेल्पलाइन संस्था, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, आयकर विभाग से हैं। विविध विधाओं में अब तक 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उपन्यास, कहानी, कविता, यात्रा, जीवन संस्मरण, लघुकथा, आलेख, निबंध आदि इनकी विधाएँ हैं। इनकी पुस्तकें अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी में अनूदित हो चुकी हैं। इनकी कृतियों पर शोधकार्य हो चुका है। ये समीक्षा, संपादन कार्य से भी जुड़ी हैं । इन्होंने पीएच. डी. ( हिंदी ), एम.ए. (हिंदी), एम.ए. (पत्रकारिता एवं जनसंचार), डिप्लोमा (कम्पयूटर्स, मानवाधिकार ) की शिक्षा प्राप्त की है।
इन्हें भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार, हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा सर्वश्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान एवं दो बार कृति सम्मान, हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा मुंशी गुमानी लाल सम्मान एवं कृति सम्मान मिल चुका है। कुल साठ संस्थाओं द्वारा विविध सम्मान प्राप्त साहित्यकार हैं
ख़ुशी का ओ. टी. पी. पुस्तक से ख़ुशी का असली मतलब क्या है?
खुशी का मतलब है मन की शांति और संतोष, जो बाहरी परिस्थितियों पर नहीं, बल्कि हमारी सोच और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।
ख़ुशी का ओ. टी. पी. पुस्तक में कौन-कौन से सिद्धांत शामिल हैं?
पुस्तक में खुशी के तीन प्रमुख सिद्धांत: आत्म-जागरूकता, संतुलन, और कृतज्ञता पर जोर दिया गया है।
पुस्तक में ख़ुशी का ओ. टी. पी. का मतलब क्या है?
ख़ुशी का ओ. टी. पी. यह एक प्रतीकात्मक अवधारणा है, जो बताती है कि खुशी के लिए हर व्यक्ति को अपना अनूठा पासकोड खोजना होगा।
ख़ुशी को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी क्या है?
आत्म-स्वीकृति, सकारात्मक दृष्टिकोण, और जीवन के प्रति आभार।
क्या ‘ख़ुशी का ओ. टी. पी.’ व्यावहारिक सुझाव देती है?
हां, इसमें रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करने योग्य व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं।