“पुस्तक के बारे में”
कृष्ण का व्यक्तित्व बहुत अनूठा है। अनूठेपन की पहली बात तो यह है कि कृष्ण हुए अतीत में हैं, लेकिन हैं भविष्य के । मनुष्य अभी भी इस योग्य नहीं हो पाया कि कृष्ण का समसामयिक बन सके। अभी भी कृष्ण मनुष्य की समझ के बाहर हैं। भविष्य में ही यह संभव हो पाएगा कि कृष्ण को हम समझ पाएं।
कृष्ण अकेले ही ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों और ऊंचाइयों पर होकर भी गंभीर नहीं हैं, उदास नहीं हैं, रोते हुए नहीं हैं । साधारणतः संत का लक्षण ही रोता हुआ होना है=जिंदगी से उदास, हारा हुआ, भागा हुआ। कृष्ण अकेले ही नाचते हुए व्यक्ति हैं-हंसते हुए, गीत गाते हुए। अतीत का सारा धर्म दुखवादी था। कृष्ण को छोड़ दें तो अतीत का सारा धर्म उदास, आंसुओं से भरा हुआ था। हंसता हुआ धर्म, जीवन को समग्र रूप से स्वीकार करने वाला धर्म अभी पैदा होने को है। पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु * कृष्ण का व्यक्तित्व और उसका महत्वः आज के संदर्भ में आध्यात्मिक संभोग का अर्थ * जीवन में महोत्सव के प्रतीक कृष्ण * स्वस्थ राजनीति के प्रतीकपुरुष कृष्ण * सात शरीरों की साधना
“लेखक के बारे में“
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“कृष्ण स्मृति” पुस्तक को पढ़ने से पाठक को क्या लाभ होगा?
“कृष्ण स्मृति” पुस्तक से पाठक भगवान कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में धर्म, कर्म, और भक्ति का संतुलन स्थापित कर सकते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और जीवन का सही मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
क्या “कृष्ण स्मृति” पुस्तक केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण है?
नहीं, “कृष्ण स्मृति” केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि यह जीवन के प्रत्येक पहलू को समझने और आत्म-विकास के मार्ग को प्रस्तुत करने वाली एक प्रेरणादायक पुस्तक है।
क्या “कृष्ण स्मृति” में श्री कृष्ण के गीता उपदेशों का भी उल्लेख है?
हाँ, इस पुस्तक में श्री कृष्ण के गीता उपदेशों का महत्वपूर्ण उल्लेख किया गया है, जो जीवन के सिद्धांतों, कर्म, योग, और भक्ति पर आधारित हैं।
क्या “कृष्ण स्मृति” पुस्तक भारतीय संस्कृति और धर्म को समझने में मदद करती है?
बिल्कुल! “कृष्ण स्मृति” भारतीय संस्कृति, धर्म और भगवान श्री कृष्ण के बारे में गहरी जानकारी प्रदान करती है, जो पाठकों को धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा और समझ को बढ़ाने में मदद करती है।
“कृष्ण स्मृति” में कौन से महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख है?
इस पुस्तक में श्री कृष्ण के जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं, जैसे उनका जन्म, मथुरा से द्वारका का आगमन, महाभारत में अर्जुन को उपदेश और उनकी रचनात्मक कृतियों का उल्लेख किया गया है।