Lakshya (Hindi)

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“एक कलाकार परिवार में जन्में, भीमसैन सन 1936 में पैदा हुये। उनका आरंभिक लालन-पालन एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। घर का माहौल कला से ओत- प्रोत था। पिता कलाकार थे, माता की साहित्य और संगीत में रुचि थी, इस तरह भीमसेन को संस्कारों में एक कला प्रेमी वातावरण अनायास ही मिल गया। 1947 में देश का विभाजन हुआ। भीमसेन अपने परिवार के साथ भारत में आ बसे चूंकि पिता एक कलाकार थे, वो चाहते थे कि भीमसेन उनके साथ मिलकर उनके काम में मदद करेे, पर भीमसेन की रुचि संगीत में ज्यादा थी। दोनों में एक समझौता हुआ कि भीमसेन पिता के काम में मदद करेंगे और पिता भीमसेन को संगीत सीखने से नहीं रोकेगें। वर्तमान संदर्भ में भीमसेन ने अपना जीवन मल्टी-टास्किंग से शुरु किया। उन्होंने संगीत के लिये लखनऊ आर्टस कॉलेज में प्रवेश लिया। लखनऊ की उर्दू जुबान, शेरो-शायरी और हिंदी के जाने-माने कवि और लेखक गुरु-रूप में प्राप्त हुये, भीमसेन इसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते है। आगे का सपफर मुंबई से शुरू हुआ, देश में एक प्रगति का माहौल स्थापित हो गया। प्रतिस्पर्ध बढ़ चुकी थी। “

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“एक कलाकार परिवार में जन्में, भीमसैन सन 1936 में पैदा हुये। उनका आरंभिक लालन-पालन एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। घर का माहौल कला से ओत- प्रोत था। पिता कलाकार थे, माता की साहित्य और संगीत में रुचि थी, इस तरह भीमसेन को संस्कारों में एक कला प्रेमी वातावरण अनायास ही मिल गया। 1947 में देश का विभाजन हुआ। भीमसेन अपने परिवार के साथ भारत में आ बसे चूंकि पिता एक कलाकार थे, वो चाहते थे कि भीमसेन उनके साथ मिलकर उनके काम में मदद करेे, पर भीमसेन की रुचि संगीत में ज्यादा थी। दोनों में एक समझौता हुआ कि भीमसेन पिता के काम में मदद करेंगे और पिता भीमसेन को संगीत सीखने से नहीं रोकेगें। वर्तमान संदर्भ में भीमसेन ने अपना जीवन मल्टी-टास्किंग से शुरु किया। उन्होंने संगीत के लिये लखनऊ आर्टस कॉलेज में प्रवेश लिया। लखनऊ की उर्दू जुबान, शेरो-शायरी और हिंदी के जाने-माने कवि और लेखक गुरु-रूप में प्राप्त हुये, भीमसेन इसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते है। आगे का सपफर मुंबई से शुरू हुआ, देश में एक प्रगति का माहौल स्थापित हो गया। प्रतिस्पर्ध बढ़ चुकी थी। “

Additional information

Author

Bhimsain

ISBN

9789350834541

Pages

24

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

9350834545