Lal kile ki Pracheer se Bharat ke Pradhanmantri : Bhag-3 (2001-2022) (लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रंधानमंत्री : भाग-3 (2001-2022)

300.00

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तक हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से दिए गए समस्त भाषण स्वाधीन भारत की अब तक की यात्रा की महान गाथा के अनेक सूत्रों को समेटे हुए है। तत्कालीन प्रधानमंत्रियों के इन भाषणों में राष्ट्र की चिंताओं, चुनौतियों, उससे निबटने के लिए बनाई जाने वाली नीतियों, जनता की भागीदारी और उनसे सहयोग का आह्वान सब कुछ समाविष्ट है। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कूटनीतिक आदि सभी मोर्चों पर भारत के पक्ष और उसके संकल्पों को लाल किले से अपने संबोधनों में सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने ढंग से अभिव्यक्त किया है। इसके माध्यम से उन्होंने सीधे-सीधे अपनी-अपनी सरकारों की नीतियों को, योजनाओं को, उसके कार्यान्वयन के विविध आयामों को देश के नागरिकों के समक्ष रखने का कार्य किया।
‘लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री’ शीर्षक से तीन भागों में प्रकाशित इस पुस्तक से आपको निःसंदेह तत्कालीन परिस्थितियों, सरकारों तथा प्रधानमंत्रियों के विजन से अवगत होने का अवसर प्राप्त होगा।

Additional information

Author

Dr. Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

ISBN

9789356845909

Pages

270

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9356845905

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ISBN 10

9356845905

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तक हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से दिए गए समस्त भाषण स्वाधीन भारत की अब तक की यात्रा की महान गाथा के अनेक सूत्रों को समेटे हुए है। तत्कालीन प्रधानमंत्रियों के इन भाषणों में राष्ट्र की चिंताओं, चुनौतियों, उससे निबटने के लिए बनाई जाने वाली नीतियों, जनता की भागीदारी और उनसे सहयोग का आह्वान सब कुछ समाविष्ट है। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कूटनीतिक आदि सभी मोर्चों पर भारत के पक्ष और उसके संकल्पों को लाल किले से अपने संबोधनों में सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने ढंग से अभिव्यक्त किया है। इसके माध्यम से उन्होंने सीधे-सीधे अपनी-अपनी सरकारों की नीतियों को, योजनाओं को, उसके कार्यान्वयन के विविध आयामों को देश के नागरिकों के समक्ष रखने का कार्य किया।
‘लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री’ शीर्षक से तीन भागों में प्रकाशित इस पुस्तक से आपको निःसंदेह तत्कालीन परिस्थितियों, सरकारों तथा प्रधानमंत्रियों के विजन से अवगत होने का अवसर प्राप्त होगा।