पुस्तक के बारे में
‘लोई का ताना’ उपन्यास में कबीर की झाँकी है। ‘लोई का ताना’ रांगेय राघव द्वारा लिया गया एक ऐसा चरित्रात्मक उपन्यास है। जिसमें हिन्दी साहित्य के महान् समाज सुधारक कवि व दार्शनिक संत कबीर की जीवन कहानी है। ‘लोई कबीर की पत्नी है और कबीर ब्राह्मण विधवा से जन्मे थे तथा जुलाहा जाति दंपति से इनका पालन-पोषण हुआ था। ‘लोई का ताना’ एक ऐसा उपन्यास है जिसके माध्यम से कबीर के जीवन द्वारा उस युग की विद्रोहात्मक सामाजिक चेतना का चित्रण किया है। कबीर के जीवन-संबंधी तथ्य अधिक नहीं मिलते। फिर भी उनके साहित्य को पढ़कर जिन निष्कर्षों पर पहुंचे है, वह प्रशंसनीय है। उपन्यासकार ने जीवनी, इतिहास और आलोचना के त्रिभुज द्वारा कबीर के जीवन का चित्रण किया है।
लेखक के बारे में
“लोई का ताना” उपन्यास किसके बारे में है?
“लोई का ताना” एक उपन्यास है जो संत कबीर के जीवन, उनके विचारों और उनके आध्यात्मिक संघर्षों पर आधारित है। इसमें उनके समाज सुधारक दृष्टिकोण और उनके द्वारा समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता के खिलाफ उठाई गई आवाज को दर्शाया गया है।
“लोई का ताना” उपन्यास में लोई का क्या महत्व है
लोई संत कबीर की पत्नी थीं। उपन्यास में लोई का ताना संत कबीर के जीवन और उनकी शिक्षाओं को एक गहरे दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है, जिसमें उनके व्यक्तिगत जीवन और उनकी संघर्षशील आध्यात्मिक यात्रा को भी दिखाया गया है।
क्या “लोई का ताना” उपन्यास कबीर के सभी प्रमुख दोहों को कवर करता है?
हां, इस उपन्यास में संत कबीर के कई प्रमुख दोहों को उनके जीवन के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है, जो उनके विचारों और समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझाने में सहायक हैं।
क्या “लोई का ताना” किताब कबीर के धार्मिक विचारों पर चर्चा करती है?
बिल्कुल, उपन्यास कबीर के धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और उनके द्वारा हिंदू-मुस्लिम एकता की वकालत पर आधारित है। इसमें उनके धार्मिक दृष्टिकोण और समकालीन समाज पर उनके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
क्या “लोई का ताना” उपन्यास कबीर के अनुयायियों के लिए है?
हां, कबीर के विचारों में रुचि रखने वाले पाठकों, संत साहित्य के प्रेमियों और उनके विचारों से प्रेरित लोगों के लिए यह उपन्यास अत्यंत लाभकारी है।
पन्यास “लोई का ताना” में कबीर का जीवन कैसे दर्शाया गया है?
इस उपन्यास में कबीर के बचपन, उनके वैचारिक संघर्ष, समाज में उनके योगदान और उनकी शिक्षाओं को उनकी पत्नी लोई के नजरिए से प्रस्तुत किया गया है।