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Loktantra Bharat Ki Rashtriyta Ke Yugpurush – Shree Atal Bihari Vajpayee (लोकतंत्र भारत की राष्ट्रीयता के युगपुरुष – श्री अटल बिहारी वाजपेयी)

250.00

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के उन दुर्लभ नेताओं में हैं, जिनको सर्वस्वीकार्य जन नायक कहा जा सकता है। यह पुस्तक एक जननायक और असाधारण वक्ता के रूप में उनकी अपूर्व वैचारिक ऊर्जा के सुलभ पुंज के रूप में आपके सामने है। इसी वैचारिक विलक्षणता के कारण अटलजी पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचते ही चर्चा में आ गए। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें विदेश नीति पर बोलने का मौका दिया तो अटलजी के तर्कों से पंडित जी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा था, ‘वाजपेयी जी के अंदर देश का नेतृत्व करने के सारे गुण मौजूद हैं।’
अटलजी 11 भाषाओं के जानकार और संसार भर के तमाम विषयों के मर्मज्ञ थे। उनकी सराहना पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज तक के सभी जन नायकों ने की है। बिना कटुता उत्पन्न किये अपने तर्कों से किसी को भी सहमत करना उनकी ही क्षमता थी कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सर्वाधिक पार्टियों की सहभागितावाली गठबंधन सरकार को बिना झंझट उन्होंने संचालित किया।
यह पुस्तक मैंने मूलतः अटलजी के आरंभिक भाषणों से लेकर समस्त प्रमुख भाषणों को प्रस्तुत करने की भावना से तैयार की है। इसमें विभिन्न परिस्थितियों पर उनके कुल 72 भाषण हैं।
इन भाषणों को प्रस्तुत करते समय यह ध्यान रखा गया हैं कि सभी प्रमुख मुद्दों पर उनके विचारों से पाठक अवगत हो सकें। मेरी सोच है कि अब तक अटलजी पर प्रकाशित किसी भी पुस्तक में एक साथ इतनी दुर्लभ सामग सामग्री एक साथ नहीं मिलेगी

About the Author

डॉ. पुष्पिता अवस्थी का जन्म 14 जनवरी, 1960 को कानपुर देहात के गुड़गाँव ग्राम के जमींदार परिवार में हुआ। प्रो. पुष्पिता अवस्थी मूलत: संवेदनशील कवि और गंभीर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की चिंतक हैं। 13 काव्य संग्रहों सहित विश्व के अनछुए विषयों पर सभी विधाओं में अपनी पैठ और पकड़ बनाते हुए उनकी सत्तर से अधिक सम्मानित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विश्व यायावर पुष्पिता की पुरस्कृत पुस्तकों की देश-विदेश की भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। विश्वविद्यालय के 12 हिंदी विभागों के पाठ्यक्रम में कविताएँ और कहानियाँ संलग्न हैं एवं कई विश्वविद्यालय में शोध कार्य जारी है। जिसमें से कुछ पीएच. डी की उपाधि से विभूषित हो चुके हैं।

संपर्क: प्रो. डॉ. पुष्पिता अवस्थी

1. अध्यक्ष- हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन, नीदरलैण्ड
2. ग्लोबल अंबेसडर MIT वर्ल्ड पोजस यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड पीस डोम, पूना
3. अध्यक्ष- आचार्य कुल, वर्धा
4. अटल फाउंडेशन – अंतर्राष्ट्रीय संयोजक
5. हरिजन सेवक संघ – ग्लोबल एंबेसडर
6. अध्यक्ष – इंटरनेशनल नान वायलेंस एंड पीस एकेडमी
7. अध्यक्ष, गार्जियन ऑफ अर्थ एंड ग्लोबल कल्चर

Additional information

Author

Prof. Pushpita Awasthi

ISBN

9789359643212

Pages

176

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359643211

Flipkart

https://www.flipkart.com/loktantra-bharat-ki-rashtriyta-ke-yugpurush-shree-atal-bihari-vajpayee-hindi/p/itm620510ec421c1?pid=9789359643212

ISBN 10

9359643211

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के उन दुर्लभ नेताओं में हैं, जिनको सर्वस्वीकार्य जन नायक कहा जा सकता है। यह पुस्तक एक जननायक और असाधारण वक्ता के रूप में उनकी अपूर्व वैचारिक ऊर्जा के सुलभ पुंज के रूप में आपके सामने है। इसी वैचारिक विलक्षणता के कारण अटलजी पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचते ही चर्चा में आ गए। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें विदेश नीति पर बोलने का मौका दिया तो अटलजी के तर्कों से पंडित जी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा था, ‘वाजपेयी जी के अंदर देश का नेतृत्व करने के सारे गुण मौजूद हैं।’
अटलजी 11 भाषाओं के जानकार और संसार भर के तमाम विषयों के मर्मज्ञ थे। उनकी सराहना पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज तक के सभी जन नायकों ने की है। बिना कटुता उत्पन्न किये अपने तर्कों से किसी को भी सहमत करना उनकी ही क्षमता थी कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सर्वाधिक पार्टियों की सहभागितावाली गठबंधन सरकार को बिना झंझट उन्होंने संचालित किया।
यह पुस्तक मैंने मूलतः अटलजी के आरंभिक भाषणों से लेकर समस्त प्रमुख भाषणों को प्रस्तुत करने की भावना से तैयार की है। इसमें विभिन्न परिस्थितियों पर उनके कुल 72 भाषण हैं।
इन भाषणों को प्रस्तुत करते समय यह ध्यान रखा गया हैं कि सभी प्रमुख मुद्दों पर उनके विचारों से पाठक अवगत हो सकें। मेरी सोच है कि अब तक अटलजी पर प्रकाशित किसी भी पुस्तक में एक साथ इतनी दुर्लभ सामग सामग्री एक साथ नहीं मिलेगी

About the Author

डॉ. पुष्पिता अवस्थी का जन्म 14 जनवरी, 1960 को कानपुर देहात के गुड़गाँव ग्राम के जमींदार परिवार में हुआ। प्रो. पुष्पिता अवस्थी मूलत: संवेदनशील कवि और गंभीर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की चिंतक हैं। 13 काव्य संग्रहों सहित विश्व के अनछुए विषयों पर सभी विधाओं में अपनी पैठ और पकड़ बनाते हुए उनकी सत्तर से अधिक सम्मानित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विश्व यायावर पुष्पिता की पुरस्कृत पुस्तकों की देश-विदेश की भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। विश्वविद्यालय के 12 हिंदी विभागों के पाठ्यक्रम में कविताएँ और कहानियाँ संलग्न हैं एवं कई विश्वविद्यालय में शोध कार्य जारी है। जिसमें से कुछ पीएच. डी की उपाधि से विभूषित हो चुके हैं।

संपर्क: प्रो. डॉ. पुष्पिता अवस्थी

1. अध्यक्ष- हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन, नीदरलैण्ड
2. ग्लोबल अंबेसडर MIT वर्ल्ड पोजस यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड पीस डोम, पूना
3. अध्यक्ष- आचार्य कुल, वर्धा
4. अटल फाउंडेशन – अंतर्राष्ट्रीय संयोजक
5. हरिजन सेवक संघ – ग्लोबल एंबेसडर
6. अध्यक्ष – इंटरनेशनल नान वायलेंस एंड पीस एकेडमी
7. अध्यक्ष, गार्जियन ऑफ अर्थ एंड ग्लोबल कल्चर

ISBN10-9359643211

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