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जीवन की इस आपाधापी में आदमी को तोड़ने के लिए, उस के रचनाकार को मारने के लिए अनेक तत्व और कारक उपस्थित हैं। पत्रकारिता भी उन में से एक कारक है। फिर जब सामाजिक, राजनीतिक और आपराधिक ख़बरें लिखते रहने के बाद भी अगर पत्रकार के मन में कहानी लिखने की लालसा और पिपासा फिर भी शेष रह जाती है और कि वह कहानियां भी लिखता रहता है तो ज़रूर कुछ ख़ास बात होती है।
यक़ीन है कि लखनऊ के इन 21 पत्रकारों की कहानियां आप को एक नए आलोक में ले जाएंगी। कहानियों की एक नई दृष्टि और नए स्वाद से परिचित करवाएंगी। नई ज़मीन पर नई इबारत लिखती हुई। हां, कहानियों का क्रम लेखकों के जन्म के हिसाब से दिया गया है।
Author | Dayanand Pandey |
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ISBN | 9789359648040 |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
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ISBN 10 | 9359648043 |
जीवन की इस आपाधापी में आदमी को तोड़ने के लिए, उस के रचनाकार को मारने के लिए अनेक तत्व और कारक उपस्थित हैं। पत्रकारिता भी उन में से एक कारक है। फिर जब सामाजिक, राजनीतिक और आपराधिक ख़बरें लिखते रहने के बाद भी अगर पत्रकार के मन में कहानी लिखने की लालसा और पिपासा फिर भी शेष रह जाती है और कि वह कहानियां भी लिखता रहता है तो ज़रूर कुछ ख़ास बात होती है।
यक़ीन है कि लखनऊ के इन 21 पत्रकारों की कहानियां आप को एक नए आलोक में ले जाएंगी। कहानियों की एक नई दृष्टि और नए स्वाद से परिचित करवाएंगी। नई ज़मीन पर नई इबारत लिखती हुई। हां, कहानियों का क्रम लेखकों के जन्म के हिसाब से दिया गया है।
ISBN10-9359648043
Diamond Books, Business and Management, Economics
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