अर्जुन महाभारत के मुख्य पात्र हैं। महाराज पाण्डु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छे धनुर्धर और द्रोणाचार्य के शिष्य थे। जीवन में अनेक अवसर पर उन्होंने इसका परिचय दिया। इन्होंने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में ये प्रमुऽ योद्धा थे। अर्जुन ने ही कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण से अलौकिक प्रश्न किए, जो गीता में वर्णित हैं। द्रोणाचार्य को ऐसे योद्धाओं की आवश्यकता थी जो राजा द्रुपद से प्रतिशोध ले सके। इसी कारण वे हस्तिनापुर के 105 राजकुमारों को शिक्षा देने लगे, जिनमें से एक अर्जुन भी थे।
MAHABHARAT KE AMAR PAATRA- GANDIVDHARI ARJUN (महाभारत के अमर पात्र -गाण्डीवधारी अर्जुन )
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अर्जुन महाभारत के मुख्य पात्र हैं। महाराज पाण्डु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छे धनुर्धर और द्रोणाचार्य के शिष्य थे। जीवन में अनेक अवसर पर उन्होंने इसका परिचय दिया। इन्होंने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में ये प्रमुऽ योद्धा थे। अर्जुन ने ही कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण से अलौकिक प्रश्न किए, जो गीता में वर्णित हैं। द्रोणाचार्य को ऐसे योद्धाओं की आवश्यकता थी जो राजा द्रुपद से प्रतिशोध ले सके। इसी कारण वे हस्तिनापुर के 105 राजकुमारों को शिक्षा देने लगे, जिनमें से एक अर्जुन भी थे।
Additional information
Author | Dr. Vinay |
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ISBN | 9789352967865 |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352967860 |