पुस्तक के बारे में
देशप्रेम, त्याग, बलिदान, संघर्ष आदि गुणों के प्रतीक महाराणा प्रताप सदैव भारतवासियों के लिए श्रद्धा तथा अभिमान का प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे। उनका नाम लेते ही हमारे मन में मुगल साम्राज्य की सत्ता को चुनौती देने वाले वीरता के ओज से परिपूर्ण एक अप्रतिम योद्धा का बिम्ब उभरता है, जिन्होंने स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उनका अनवरत संघर्ष इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। आज भारत में राष्ट्रीय चेतना ह्रास की ओर अग्रसर होती जा रही है। ऐसे समय में महाराणा प्रताप का जीवन चरित आदर्श स्वरूप है। यही कारण है कि वह मातृभूमि की स्वाधीनता के उपासकों के लिए प्राय: स्मरणीय और वन्दनीय रहेंगे।
महाराणा प्रताप के पिता कौन थे?
उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह II था, जो मेवाड़ के राजा थे।
हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ?
हल्दी घाटी का युद्ध 18 जून 1576 को हुआ था, जिसमें महाराणा प्रताप ने मुगलों का सामना किया।
महाराणा प्रताप ने अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए क्या किया?
उन्होंने मुगलों के खिलाफ कई लड़ाइयाँ लड़ीं और कभी भी समर्पण नहीं किया।
महाराणा प्रताप के शासनकाल में मेवाड़ की आर्थिक स्थिति कैसी थी?
उनके शासनकाल में युद्धों के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर हुई, लेकिन समर्थकों ने मदद की।
महाराणा प्रताप का योगदान भारतीय संस्कृति में क्या है?
उन्होंने भारतीय संस्कृति और राजपूत गौरव को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महाराणा प्रताप के जीवन पर कौन-कौन सी फिल्में बनी हैं?
महाराणा प्रताप पर कई फिल्में और धारावाहिक बने हैं, जैसे “महाकवि कालिदास” और “महाराणप्रताप” धारावाहिक।