साहित्य अकादेमी के पहले बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित लेखक की कृति “मै और मेरी जीवन कहानी” बच्चों के सुपरिचित लेखक प्रकाश मनु जी का आत्म संस्मरण है जिसकी यादे आपको उनके जीवन को नजदीक से जानने और समझने का अवसर प्रदान करती है इसमें लेखक ने अपने जीवन के स्मरणीय पलों को पाठक के समक्ष रखा है उदाहरण के लिए भूमिका से एक अंश पढ़िए ……………
कहानियाँ और बच्चे भी सुनते थे, मैं भी । पर मेरे लिए कहानी की दुनिया कुछ और थी। वह मुझे भी कुछ का कुछ बना देती । और मैं भूल जाता कि मैं कौन हूँ। कहानी के पात्र भी उँगली पकड़कर, मुझे पता नहीं कहाँ-कहाँ घुमाते रहते। और मैं दीवानों-सा एक साथ कई-कई दुनियाओं में घूमकर लौटता, तो अपनी दुनिया भी मुझे कुछ बदली – बदली सी लगती।
About the Author
जन्म : 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में ।
शिक्षा : आगरा कॉलेज, आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का सारा ताना-बाना ही बदल गया। पूरा जीवन लिखने-पढ़ने के लिए समर्पित करने का निश्चय । 1975 में हिंदी साहित्य में एम.ए.। 1980 में यू.जी.सी. के फेलोशिप के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ‘छायावाद एवं परवर्ती काव्य में सौंदर्यानुभूति’ विषय पर शोध संपन्न। कुछ वर्ष प्राध्यापक रहे। लगभग ढाई दशकों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे। अब स्वतंत्र लेखन । प्रसिद्ध साहित्यकारों के संस्मरण, आत्मकथा तथा बाल साहित्य से जुड़ी कुछ बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
उपन्यास : यह जो दिल्ली है, कथा सर्कस, पापा के जाने के बाद ।
कहानियाँ : अंकल को विश नहीं करोगे, सुकरात मेरे शहर में, अरुंधती उदास है, जिंदगीनामा एक जीनियस का, तुम कहाँ हो नवीन भाई, मिसेज मजूमदार, मिनी बस, दिलावर खड़ा है, मेरी श्रेष्ठ कहानियाँ, मेरी इकतीस कहानियाँ, 21 श्रेष्ठ कहानियाँ, प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ, मेरी कथायात्रा : प्रकाश मनु, तुम याद आओगे लीलाराम, भटकती जिंदगी का नाटक ।
कविता : एक और प्रार्थना, छूटता हुआ घर, कविता और कविता के बीच।
जीवनी : देवेंद्र सत्यार्थी: एक सफरनामा, जो खुद कसौटी बन गए
आत्मकथा : मेरी आत्मकथा : रास्ते और पगडंडियाँ, मैं मनु ।