हिंसक बनाए जा रहे आज के माहौल में और खास तौर से दलितों, स्त्रियों, बच्चों और सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए अमानवीय होते जा रहे माहौल में कविता की भूमिका और कवि की भूमिका अलग-अलग क्यों होती जा रही है? प्रेम ही नहीं पर्यावरण को लेकर कवि का ऐक्टिविज्म और कविता का ऐक्टिविज्म अलग-अलग क्यों है? कविता जन के लिए और कवि अभिजन के लिए! गालिब का शेर है-‘गो मेरे शेर हैं खवास पसंद, मेरी गुफ्तगू अवाम से है।’
यह आज के कवि की पर्दादारी है या पहरेदारी?
मूल्यांकन की तात्कालिकता और कविता की तात्कालिकता में कौन अधिक खतरनाक है?
Additional information
Author | Devendra Arya |
---|---|
ISBN | 9789389807424 |
Pages | 80 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
ISBN 10 | 9389807425 |
SKU
9789389807424
Categories Diamond Books, New Products
Related Products
Related products
-
Diamond Books, Diet & nutrition
₹75.00Original price was: ₹75.00.₹64.00Current price is: ₹64.00. Add to cart
Social Media Posts
This is a gallery to showcase images from your recent social posts