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Main Kavi-Hriday Hoon, Kavi Nahin (मैं कवि-हृदय हूँ, कवि नहीं)

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सर्वप्रथम यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि मैं कोई कवि नहीं हूँ। अंग्रेज़ी और हिन्दी साहित्य के साथ तमाम अन्य भाषाओं के कवियों को पढ़ने के बाद मेरे लिए अब यह एक अत्यंत ही कठिन कार्य हो गया है कि मैं स्वयं को किस कोटि के अंतर्गत रखूं। साधारण भाषा में तो कविता लिखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कवि की संज्ञा दी जाती है मगर मेरे लिए यह एक बड़ा ही बेबूझ तथ्य है कि लिखने की विधा से लेकर लेखक के अंतर्मन तक सब कुछ इतना भिन्न और विस्तीर्ण होता है कि उसे एक नाम से नवाज़ा जाना शायद कवियों की निर्वैयक्तिकता के साथ अन्याय करना है। परन्तु दूसरा उपक्रम भी उतना ही दुरूह प्रतीत होता है जितना कि पहला । अब प्रत्येक कवि की निजता के लिए भी तो एक नए नाम का सम्बोधन नहीं खोजा जा सकता है। जो भी हो, एक बात तो यहाँ पर स्पष्ट है कि पूर्व में शायद किसी भी कवि ने कभी इस बात पर आपत्ति नहीं जताई है कि उन्हें कवि क्यूँ कहा जाता है। शायद उन्हें कवि कहलाना पसन्द रहा होगा या शायद कवियों की श्रेणी में खड़े होना उन्हें प्रीतिकर लगता रहा होगा।

About the Author

प्रवीण कुमार अंशुमान
जन्म– 19 अगस्त 1984 (पता : ग्राम – पूरब पट्टी, पोस्ट – भीमल पट्टी, दुर्वासा धाम, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत)
शिक्षा– काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेज़ी, एम.ए. (अंग्रेज़ी), टॉम स्टॉपर्ड के नाटकों पर पीएच.डी.।
वर्तमान पद– असोसिएट प्रोफ़ेसर, अंग्रेजी विभाग, किरोड़ीमल कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
रुचि के विषय– पोस्ट-ब्रिटिश ड्रामा, भारतीय परम्परा, संस्कृति एवं दर्शन, दलित लिटरेचर तथा ओशो साहित्य।
साहित्यिक कतियाँ– अंग्रेजी में आठ और हिन्दी में चार पुस्तकों का प्रकाशन। हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें – (1) आखर सोवत नाहीं (2) मानुष जागत नाहीं (3) शब्द-संवाद (4) शब्द-दर्शन।
सम्मान– (1) ‘शब्द-संवाद’ पुस्तक के लिए यूकीयोटो (कनाडा) द्वारा बेस्ट इलस्ट्रेटर अवॉर्ड 2022 से सम्मानित। (2) एजुकेशन सेंसेसन्स द्वारा आयोजित इंडियन शिक्षा अवॉर्ड्स 2022 के अंतर्गत बेस्ट प्रोफ़ेसर ऑफ़ दी ईयर का ख़िताब। (3) History TV18 द्वारा आयोजित #Kalakar प्रतियोगिता के अंतर्गत सन् 2022 के सर्वश्रेष्ठ 100 लेखकों की सूची में सम्मिलित।
सृजनात्मक लेखन– (1) पिछले दो वर्षों में 17,000 बावलियों (शायरियों) एवं 2,000 से अधिक कविताओं की रचना। (2) कविता-कोश के ऑनलाइन पटल और अमर उजाला अखबार (ई-संस्करण) के काव्य डेस्क पर कविताओं का प्रकाशन। (3) दैनिक समय वार्ता अख़बार (ई-संस्करण) के संपादकीय पृष्ठ पर नियमित लेखन।
‘मैं कवि-हृदय हूँ, कवि नहीं’इनका पहला काव्य-संग्रह है जो कि इनकी तेरहवीं पुस्तक है

ISBN10-935684044X

सर्वप्रथम यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि मैं कोई कवि नहीं हूँ। अंग्रेज़ी और हिन्दी साहित्य के साथ तमाम अन्य भाषाओं के कवियों को पढ़ने के बाद मेरे लिए अब यह एक अत्यंत ही कठिन कार्य हो गया है कि मैं स्वयं को किस कोटि के अंतर्गत रखूं। साधारण भाषा में तो कविता लिखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कवि की संज्ञा दी जाती है मगर मेरे लिए यह एक बड़ा ही बेबूझ तथ्य है कि लिखने की विधा से लेकर लेखक के अंतर्मन तक सब कुछ इतना भिन्न और विस्तीर्ण होता है कि उसे एक नाम से नवाज़ा जाना शायद कवियों की निर्वैयक्तिकता के साथ अन्याय करना है। परन्तु दूसरा उपक्रम भी उतना ही दुरूह प्रतीत होता है जितना कि पहला । अब प्रत्येक कवि की निजता के लिए भी तो एक नए नाम का सम्बोधन नहीं खोजा जा सकता है। जो भी हो, एक बात तो यहाँ पर स्पष्ट है कि पूर्व में शायद किसी भी कवि ने कभी इस बात पर आपत्ति नहीं जताई है कि उन्हें कवि क्यूँ कहा जाता है। शायद उन्हें कवि कहलाना पसन्द रहा होगा या शायद कवियों की श्रेणी में खड़े होना उन्हें प्रीतिकर लगता रहा होगा।

About the Author

प्रवीण कुमार अंशुमान
जन्म– 19 अगस्त 1984 (पता : ग्राम – पूरब पट्टी, पोस्ट – भीमल पट्टी, दुर्वासा धाम, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत)
शिक्षा– काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेज़ी, एम.ए. (अंग्रेज़ी), टॉम स्टॉपर्ड के नाटकों पर पीएच.डी.।
वर्तमान पद– असोसिएट प्रोफ़ेसर, अंग्रेजी विभाग, किरोड़ीमल कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
रुचि के विषय– पोस्ट-ब्रिटिश ड्रामा, भारतीय परम्परा, संस्कृति एवं दर्शन, दलित लिटरेचर तथा ओशो साहित्य।
साहित्यिक कतियाँ– अंग्रेजी में आठ और हिन्दी में चार पुस्तकों का प्रकाशन। हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें – (1) आखर सोवत नाहीं (2) मानुष जागत नाहीं (3) शब्द-संवाद (4) शब्द-दर्शन।
सम्मान– (1) ‘शब्द-संवाद’ पुस्तक के लिए यूकीयोटो (कनाडा) द्वारा बेस्ट इलस्ट्रेटर अवॉर्ड 2022 से सम्मानित। (2) एजुकेशन सेंसेसन्स द्वारा आयोजित इंडियन शिक्षा अवॉर्ड्स 2022 के अंतर्गत बेस्ट प्रोफ़ेसर ऑफ़ दी ईयर का ख़िताब। (3) History TV18 द्वारा आयोजित #Kalakar प्रतियोगिता के अंतर्गत सन् 2022 के सर्वश्रेष्ठ 100 लेखकों की सूची में सम्मिलित।
सृजनात्मक लेखन– (1) पिछले दो वर्षों में 17,000 बावलियों (शायरियों) एवं 2,000 से अधिक कविताओं की रचना। (2) कविता-कोश के ऑनलाइन पटल और अमर उजाला अखबार (ई-संस्करण) के काव्य डेस्क पर कविताओं का प्रकाशन। (3) दैनिक समय वार्ता अख़बार (ई-संस्करण) के संपादकीय पृष्ठ पर नियमित लेखन।
‘मैं कवि-हृदय हूँ, कवि नहीं’इनका पहला काव्य-संग्रह है जो कि इनकी तेरहवीं पुस्तक है

Additional information

Author

Praveen Kumar Anshuman

ISBN

9789356840447

Pages

48

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/935684044X

Flipkart

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ISBN 10

935684044X

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