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Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -1
Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -1
Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -2

Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon(मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) in Paperback

Original price was: ₹175.00.Current price is: ₹174.00.

किताब के बारे में

मैं नास्तिक क्यों हूँ भगत सिंह द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध निबंध है, जिसे उन्होंने लाहौर सेंट्रल जेल में कारावास के दौरान १९३० में लिखा था । यह निबंध उनके सबसे चर्चित और प्रभावशाली कार्यों में से एक है। इस पुस्तक में भगत सिंह ने ईश्वर के अस्तित्व पर तार्किक रूप से प्रश्न उठाए हैं। वे धर्म, अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों पर भी अपनी टिप्पणी करते हैं। भगत सिंह का मानना था कि ईश्वर का विचार शोषण और अन्याय को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वे एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण पर विश्वास करते थे, जहाँ ईश्वर की अवधारणा की कोई आवश्यकता नहीं थी। इसे सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा गया है, जो इसे आम जनता के लिए सुलभ बनाता है । भगत सिंह ने अपनी बातों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने के लिए तर्क, उदाहरणों और उपमाओं का प्रयोग किया है। उनका लेखन भावुक और प्रेरक है, जो पाठकों को प्रेरित करता है। ‘मैं नास्तिक क्यों हूँ’ भगत सिंह की साहित्यिक और क्रांतिकारी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी पुस्तक है जो पाठकों को सोचने, प्रश्नों पर विचार करने और एक बेहतर समाज के लिए प्रेरित करता है।

लेखक के बारे में

भगत सिंह एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के बंगा में हुआ था। बचपन से ही वे देशभक्ति से ओतप्रोत थे।1928 में, भगत सिंह ने लाहौर षड्यंत्र केस में गिरफ्तार हो गए। जेल में ही उन्होंने भूख हड़ताल की, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और देश की आजादी की मांग की।
भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई। उनकी शहादत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक नया मोड़ ला दिया। आज भी, भगत सिंह को भारत के सबसे लोकप्रिय शहीदों में से एक माना जाता है। उनकी विचारधारा और बलिदान ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।भगत सिंह एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के बंगा में हुआ था। बचपन से ही वे देशभक्ति से ओतप्रोत थे।1928 में, भगत सिंह ने लाहौर षड्यंत्र केस में गिरफ्तार हो गए। जेल में ही उन्होंने भूख हड़ताल की, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और देश की आजादी की मांग की।भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई। उनकी शहादत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक नया मोड़ ला दिया। आज भी, भगत सिंह को भारत के सबसे लोकप्रिय शहीदों में से एक माना जाता है। उनकी विचारधारा और बलिदान ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

मैं नास्तिक क्यों हूँ पुस्तक किसकी है?

मैं नास्तिक क्यों हूँ (Why I am an Atheist) भगत सिंह द्वारा लिखा एक लेख है जो उन्होंने लाहौर सेंट्रल जेल में क़ैद के दौरान लिखा था

मैं नास्तिक क्यों हूँ पुस्तक का प्रथम प्रकाशन कहाँ हुआ ?

इसका प्रथम प्रकाशन लाहौर से ही छपने वाले अख़बार दि पीपल में 27 सितम्बर 1931 को हुआ।

भगत सिंह ने मैं नास्तिक क्यों हूँ क्यों लिखा?

यह निबंध उनके धार्मिक मित्रों को जवाब था जो सोचते थे कि भगत सिंह अपने अहंकार के कारण नास्तिक बन गए थे ।

मैं नास्तिक क्यों हूँ पुस्तक सारांश क्यों हूं?

भगत सिंह कहते हैं कि उनकी नास्तिकता घमंड का नतीजा नहीं थी । उन्होंने उल्लेख किया कि उनका परिवार ईश्वर में दृढ़ विश्वास रखता था, कि वह खुद एक धार्मिक लड़के के रूप में बड़े हुए थे जो घंटों प्रार्थना करते थे और आगे बताते हैं कि इसके बावजूद वह नास्तिक बन गए।

भगत सिंह के अन्य प्रमुख लेखन कौन-कौन से हैं?

उनके अन्य प्रमुख लेखन में “जेल डायरी” और “युवकों के नाम पत्र” शामिल हैं।

Additional information

Weight 0.120 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 0.6 cm
Author

Bhagat Singh

Pages

126

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -1

Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -2
Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -4

Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) : (Hindi Translation of Why I am an Atheist) -3 ISBN10-: 9363189104

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