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Man Madhukar Khelat Vasant-by osho-मन मधुकर खेलत वसंत

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जब हम ओशो के साहित्य को देखते है तो चमत्कृत रह जाते हैं, क्योंकि उसमें चैतन्य है इसीलिए हमें चमत्कार लगता है। हमें लगता है कि हममें भी अभी प्राण है। उस चेतना की प्रखर लहर पर बहाते हुए वे हम ले जाते हैं, यही उनका जादू है।
-डॉ. बलदेव वंशी

ISBN10-8171822584

मन मधुकर खेलत वसंत-0
Man Madhukar Khelat Vasant-by osho-मन मधुकर खेलत वसंत
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मन मधुकर खेलत वसंत” ओशो द्वारा लिखी गई एक गहन आध्यात्मिक पुस्तक है, जिसमें जीवन, प्रेम, और आत्मिक शांति के बारे में उनके विचारों का सजीव चित्रण किया गया है। इस पुस्तक में ओशो ने वसंत ऋतु की प्रतीकात्मकता के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया है कि जीवन में आंतरिक जागृति और आत्मिक विकास कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

About Author

ओशो (1931–1990), जिनका मूल नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था, एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु और विचारक थे। वे ध्यान, प्रेम और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अपने अनूठे विचारों के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने पारंपरिक धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं को चुनौती दी और भौतिकता और आध्यात्मिकता के समन्वय का समर्थन किया। ओशो ने “ज़ोरबा द बुद्धा” की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने दुनिया की सुख-सुविधाओं और आंतरिक शांति को एक साथ अपनाने पर जोर दिया। उनके अनुयायी दुनियाभर में फैले हुए हैं, और पुणे में उन्होंने एक आश्रम स्थापित किया। विवादों के बावजूद, उनके विचार और ध्यान पद्धतियां आज भी जीवित हैं।

ओशो का इस पुस्तक में क्या संदेश है?

ओशो ने इस पुस्तक के माध्यम से बताया है कि कैसे एक व्यक्ति प्रेम, ध्यान और जागरूकता के माध्यम से अपने भीतर के सत्य को पा सकता है।

ओशो ने “मन मधुकर खेलत वसंत” में जीवन को किस रूप में प्रस्तुत किया है?

इस पुस्तक में ओशो ने जीवन को एक खेल के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें व्यक्ति प्रेम, ध्यान और जागरूकता के माध्यम से सच्चाई और आनंद की खोज करता है।

ओशो का इस पुस्तक में क्या संदेश है?

ओशो ने इस पुस्तक के माध्यम से बताया है कि कैसे एक व्यक्ति प्रेम, ध्यान और जागरूकता के माध्यम से अपने भीतर के सत्य को पा सकता है।

क्या ओशो की शिक्षाएं पारंपरिक धार्मिक दृष्टिकोण से भिन्न हैं?

हां, ओशो की शिक्षाएं पारंपरिक धार्मिक धारणाओं को चुनौती देती हैं और व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से सोचने और आत्म-जागरूकता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।

पुस्तक में आत्म-जागरूकता का महत्व क्या है?

आत्म-जागरूकता इस पुस्तक का मुख्य संदेश है, जो बताती है कि अपने भीतर की गहराई को जानकर ही व्यक्ति जीवन के सच्चे आनंद और शांति का अनुभव कर सकता है।

क्या ओशो की शिक्षाएं पारंपरिक धार्मिक दृष्टिकोण से भिन्न हैं?

हां, ओशो की शिक्षाएं पारंपरिक धार्मिक धारणाओं को चुनौती देती हैं और व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से सोचने और आत्म-जागरूकता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं

Additional information

Author

Osho

ISBN

8171822584

Pages

128

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822584