Mansvini (मनस्विनी)

150.00

आधुनिक व्यवस्थाओं में नारी के जीवन को अधिक संघर्षमय बना दिया है, दुर्भाग्य से आज समाज व परिवार उसके इस चुनौतीपूर्ण जीवन के प्रति उतना संवेदनशील नहीं दिखता।
नारी का यही संघर्ष मेरी कहानियों की मुख्य विषय वस्तु है। मेरा मानना है कि प्रत्येक स्त्री में संघर्ष करने की एक ईश्वर प्रदत्त शक्ति होती है, जो उसे हारने नहीं देती। मेरी कहानियों के पात्र मुखर हैं। वे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते हैं। मेहनत करके अपने जीवन को सुधारने की क्षमता रखते हैं, तथा उनका अपना एक वजूद है।
वे जीवन अपनी शर्तों पर तो जीते हैं परन्तु अपने संस्कार और मर्यादायें नहीं भूलते। मर्यादाओं के भीतर रहकर संघर्ष करना और जीवन में आगे बढ़ना उनका लक्ष्य है। मानवीय सम्बन्ध और सम्वेदानाओं को उजागर करती हुई कुछ कहानियाँ…

 

About the Author

शिवानी चतुर्वेदी एक सफल गृहणी ही नहीं बल्कि एक सफल लेखिका भी हैं। यर्थातवादी जीवन को गहनता महसूस करके उन्होंने अपने लेखन को मानवीय बनाया है। शिवानी चतुर्वेदी का समाज को देखने का यर्थातवादी नजरिया ही उन्हें समकालीन कथाकारों में एक अलग पहचान दिलाता है।

Additional information

Author

Shivani Chaturvedi

ISBN

9789355997067

Pages

88

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/935599706X

Flipkart

https://www.flipkart.com/mansvini/p/itm57881ee573681?pid=9789355997067

ISBN 10

935599706X

आधुनिक व्यवस्थाओं में नारी के जीवन को अधिक संघर्षमय बना दिया है, दुर्भाग्य से आज समाज व परिवार उसके इस चुनौतीपूर्ण जीवन के प्रति उतना संवेदनशील नहीं दिखता।
नारी का यही संघर्ष मेरी कहानियों की मुख्य विषय वस्तु है। मेरा मानना है कि प्रत्येक स्त्री में संघर्ष करने की एक ईश्वर प्रदत्त शक्ति होती है, जो उसे हारने नहीं देती। मेरी कहानियों के पात्र मुखर हैं। वे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते हैं। मेहनत करके अपने जीवन को सुधारने की क्षमता रखते हैं, तथा उनका अपना एक वजूद है।
वे जीवन अपनी शर्तों पर तो जीते हैं परन्तु अपने संस्कार और मर्यादायें नहीं भूलते। मर्यादाओं के भीतर रहकर संघर्ष करना और जीवन में आगे बढ़ना उनका लक्ष्य है। मानवीय सम्बन्ध और सम्वेदानाओं को उजागर करती हुई कुछ कहानियाँ…

 

About the Author
शिवानी चतुर्वेदी एक सफल गृहणी ही नहीं बल्कि एक सफल लेखिका भी हैं। यर्थातवादी जीवन को गहनता महसूस करके उन्होंने अपने लेखन को मानवीय बनाया है। शिवानी चतुर्वेदी का समाज को देखने का यर्थातवादी नजरिया ही उन्हें समकालीन कथाकारों में एक अलग पहचान दिलाता है।

ISBN10-935599706X