Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

Mera Mujh Mein Kuchh Nahin by osho-मेरा मुझमें कुछ नहीं

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹299.00.

In stock

Other Buying Options

कबीर ने कहा कि ‘ज्यों कि त्यों धर दीन्हीं चदरिया, खूब जतन से ओढ़ी कबीर।’ तो कबीर कहते हैं कि ओढ़ी तो, पर खूब जतन से ओढ़ी। संन्यासी वह है, जो ओढ़े ही न। क्योंकि ओढ़ने में डर है, कहीं चदरिया खराब न हो जाए! और गृहस्थ वह है, जो डट कर ओढ़े; चाहे फटे, चाहे गंदी हो, कुछ भी हो जाए। और कबीर ने ओढ़ी — ‘खूब जतन से ओढ़ी रे चदरिया।’ लेकिन जतन से ओढ़ी। यह ‘जतन’ शब्द बड़ा अद्भुत है। कृष्णमूर्ति जिसको ‘अवयरनेस’ कहते हैं, वही है जतन। बड़े होश से, बड़े प्रयत्न से, बड़ी जागरूकता से ओढ़ी। और — ‘ज्यों की त्यों धर दीन्हीं चदरिया’। और जब परमात्मा के पास वापस लौटने लगे, तो उसे वैसी ही लौटा दी, जैसी उसने दी थी — और ओढ़ी भी। ऐसा भी नहीं कि बिना ओढ़े, नंगे बैठे रहे। कबीर यह कह रहे हैं कि गृहस्थ भी रहे और संन्यासी भी रहे। रहे संसार में और अद्भुत रहे — कमलवत।

पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:

  • नीति और धर्म में क्या भेद है?
  • परमात्मा है क्या?
  • सुख से वैराग्य का जन्म होता है। क्यों?
  • असहाय अवस्था का अर्थ क्या है?
  • ऊंट किस करवट बैठे — विधायक या निषेधात्मक?
  • ज्ञानी का मार्ग और भक्त के मार्ग में क्या सर्वथा भिन्न है?

ISBN10-9351656349

ISBN10-9351656349

Osho Quote
Mera Mujh Mein Kuchh Nahin By Osho-मेरा मुझमें कुछ नहीं
Osho Quote
Mera Mujh Mein Kuchh Nahin By Osho-मेरा मुझमें कुछ नहीं
A Book Is Forever
Mera Mujh Mein Kuchh Nahin By Osho-मेरा मुझमें कुछ नहीं
Osho Other Books
Mera Mujh Mein Kuchh Nahin By Osho-मेरा मुझमें कुछ नहीं

उत्पाद विवरण

मेरा मुझमें कुछ नहीं – ओशो द्वारा आत्मा का गहन सत्य, शून्यता, और अहंकार के गहरे सिद्धांतों पर आधारित एक गहन पुस्तक है। इस पुस्तक में ओशो बताते हैं कि अहंकार का त्याग ही सच्चे आत्मज्ञान की दिशा में पहला कदम है। ओशो के अनुसार, जब व्यक्ति “मेरा मुझमें कुछ नहीं” की भावना को समझता है, तो वह अपनी सीमाओं से मुक्त होकर शून्यता की अवस्था को प्राप्त करता है।

ओशो अपने सहज और गहरे विचारों के माध्यम से बताते हैं कि आत्मा को समझने के लिए अहंकार को पूरी तरह से त्यागना आवश्यक है। अहंकार वह भ्रम है, जो हमें अपने सच्चे स्वरूप से दूर रखता है। यह पुस्तक पाठकों को आत्मज्ञान, शून्यता, और मुक्त चेतना की ओर प्रेरित करती है और व्यक्ति को सच्ची शांति और आंतरिक शुद्धता की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eओशो कौन हैं?u003c/strongu003e

ओशो, जिन्हें पहले रजनीश के नाम से जाना जाता था, एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु, मिस्टिक और दार्शनिक थे। वे अपने अपरंपरागत और गहन विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो जीवन, अध्यात्म, प्रेम, ध्यान और अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर आधारित हैं।

u003cstrongu003eमेरा मुझमें कुछ नहींu0022 किस बारे में है?u003c/strongu003e

मेरा मुझमें कुछ नहींu0022 आत्म, अहंकार और अस्तित्व के गहन पहलुओं की खोज करता है। ओशो परंपरागत पहचान की धारणाओं को चुनौती देते हैं और अहंकारहीनता के विचार को प्रस्तुत करते हैं, जिससे पाठक आत्म के परे जाकर सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव कर सकते हैं।

u003cstrongu003eओशो क्यों प्रसिद्ध हैं?u003c/strongu003e

ओशो अपने क्रांतिकारी अध्यात्मिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसमें वे पूर्वी अध्यात्म को पश्चिमी दर्शन के साथ मिलाते हैं। धर्म, रिश्ते, राजनीति और आत्म-जागरूकता पर उनके विवादास्पद विचार आज भी लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं।

u003cstrongu003eमेरा मुझमें कुछ नहींu0022 महत्वपूर्ण क्यों है?u003c/strongu003e

यह पुस्तक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ओशो की शिक्षाओं के मूल में जाकर मानव अवस्था, अहंकार और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की यात्रा को समझने में मदद करती है। यह उन लोगों के लिए एक शक्तिशाली मार्गदर्शक है जो अपनी पहचान की सीमाओं से परे जाना चाहते हैं

u003cstrongu003eक्या u0022मेरा मुझमें कुछ नहींu0022 ध्यान के लिए उपयोगी है?u003c/strongu003e

हां, यह पुस्तक ध्यान और आंतरिक शांति प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी है। ओशो के विचार ध्यान के महत्व को उजागर करते हैं और अहंकार से परे जाने के मार्ग को समझाते हैं

Additional information

Weight 360 g
Dimensions 21.6 × 14 × 1.7 cm
Author

Osho

ISBN

9789351656340

Pages

152

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9351656349

ISBN : 9789351656340 SKU 9789351656340 Categories , , Tags ,

Related Products

Social Media Posts

This is a gallery to showcase images from your recent social posts