मेरे पिताजी का गाँव : मोउदी की नन्ही लेखिका कुमारी प्रकृति कुंडू की प्रथम कृति है। प्रकृति जैसा नाम वैसा ही उनका काम है। इस कृति में उनके प्रकृति प्रेम की झलक मिलती है। प्रकृति बांग्ला भाषी है लेकिन हिंदी में उनकी इतनी पकड़ है जो बहुत ही सराहनीय है। इस में उनकी छोटी-छोटी कहानियाँ तथा लेखो में उनकी अभिव्यक्ति अभूतपूर्ण है। प्रकृति एक प्रभावशाली लेखिका है। यह उनकी प्रथम कृति को पढ़कर पता चल रहा है। आज के बच्चे जो अपने गाँव से टूट रहे हैं वहाँ प्रकृति ने अपने गाँव की कहानियों से पूरे वातावरण में गाँव की मिट्टी की सुगंध फैला दी है। मैं उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ और इस पुस्तक के लिखने पर उन्हें अनेकानेक शुभकामनाएँ देती हूँ।
-डॉ. कमलेश बजाज
About the Author
जन्म तिथि : 22 जनवरी, 2013
जन्म स्थान : दिल्ली
शिक्षा : कक्षा पांचवी में अध्ययन (2023) डीएवी पब्लिक स्कूल, सेक्टर-49, फरीदाबाद
पिता का नाम : प्रशांता कुमार कुंडू
पिता कार्यस्थल : ISRO, नई दिल्ली
माता का नाम : अपर्णा दास कुंडू
माता का कार्य : PGT राजनीति विज्ञान