सुप्रसिद्ध कथाकार हिमांशु जोशीजी के उपन्यासों, कहानियों की तरह उनके अविस्मरणीय यात्रा वृत्तातों की भी अपनी अलग विशेषता है। पढ़ते-पढ़ते पाठक को लगने लगता है कि इन यात्राओं में लेखक के साथ-साथ वह भी यात्रा कर रहा है।
परिभ्रमण करने का शौक दुनिया में बहुत से लोगों को रहता है। बहुत से लोग गृह-त्याग की परम्परा का अनुगमन करते हैं तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं, जो परिवार-संसार के बीच रहकर जीवन भर यायावर बने रहते हैं।
सैर कर दुनिया की गाफिल जिन्दगानी फिर कहाँ ?
जिन्दगी गर कुछ रही, तो नौजवानी फिर कहाँ ?
Meri Awismarneey Yatrayen (मेरी अविस्मरणीय यात्राएं)
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सुप्रसिद्ध कथाकार हिमांशु जोशीजी के उपन्यासों, कहानियों की तरह उनके अविस्मरणीय यात्रा वृत्तातों की भी अपनी अलग विशेषता है। पढ़ते-पढ़ते पाठक को लगने लगता है कि इन यात्राओं में लेखक के साथ-साथ वह भी यात्रा कर रहा है।
परिभ्रमण करने का शौक दुनिया में बहुत से लोगों को रहता है। बहुत से लोग गृह-त्याग की परम्परा का अनुगमन करते हैं तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं, जो परिवार-संसार के बीच रहकर जीवन भर यायावर बने रहते हैं।
सैर कर दुनिया की गाफिल जिन्दगानी फिर कहाँ ?
जिन्दगी गर कुछ रही, तो नौजवानी फिर कहाँ ?
Additional information
Author | Himanshu Joshi |
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ISBN | 9789359648880 |
Pages | 152 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/meri-awismarneey-yatrayen-hindi/p/itmd25808b75081d?pid=9789359648880 |
ISBN 10 | 9359648884 |
SKU
9789359648880
Categories Diamond Books, Fiction, Short Stories
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