सविता चड्ढा की कहानियों को साहित्य में बहुत ही आदर और सम्मान मिला है। आपका लेखन बहु-आयामी है। लेखन की विभिन्न विधाओं में लिखकर आपने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। जहां आपका एक वृहद पाठक वर्ग है वही प्रतिष्ठित साहित्यकार भी आपके लेखन को आदर की दृष्टि से देखते रहे हैं। सविता जी ने सौ से अधिक कहानियां लिखी हैं लेकिन इस संग्रह में उनकी कुछ चुनिंदा कहानियों को ही शामिल किया गया है। ये वे कहानियां हैं जिन पर फिल्म निर्माण हुआ, नाटक मंचन हुआ। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के उपरांत पाठकों का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद मिला। उन कहानियों को आप इस संग्रह में पढ़ सकेंगे। आपकी कहानियों की सराहना भी हुई और उन पर शोध भी हुए हैं। आपकी कहानियों को सामाजिक संदर्भो को जगाने वाली कहानियां माना गया है। यहां तक कहा गया है कि “आप का लेखन रहस्यवाद की परतें खोलने वाला लेखन है।” । आपके लेखन के लिए ये भी कहा गया है “जब मनुष्य के अंदर की सत्ता का मनुष्य, बाहर की सत्ता के मनुष्य से बड़ा हो जाता है तभी वह सविता चड्ढा जैसी कहानियां लिख सकता है।” लोग मानते हैं कि आपका लेखन वर्तमान के गर्भ से भविष्य को निकालने वाला लेखन है। आप इन कहानियों को पढ़कर लेखक को और प्रकाशक को अपनी राय से परिचित करवायेंगे?.
Meri Pratinidhi Kahaniyaan (मेरी प्रतिनिधि कहानियाँ)
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सविता चड्ढा की कहानियों को साहित्य में बहुत ही आदर और सम्मान मिला है। आपका लेखन बहु-आयामी है। लेखन की विभिन्न विधाओं में लिखकर आपने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। जहां आपका एक वृहद पाठक वर्ग है वही प्रतिष्ठित साहित्यकार भी आपके लेखन को आदर की दृष्टि से देखते रहे हैं। सविता जी ने सौ से अधिक कहानियां लिखी हैं लेकिन इस संग्रह में उनकी कुछ चुनिंदा कहानियों को ही शामिल किया गया है। ये वे कहानियां हैं जिन पर फिल्म निर्माण हुआ, नाटक मंचन हुआ। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के उपरांत पाठकों का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद मिला। उन कहानियों को आप इस संग्रह में पढ़ सकेंगे। आपकी कहानियों की सराहना भी हुई और उन पर शोध भी हुए हैं। आपकी कहानियों को सामाजिक संदर्भो को जगाने वाली कहानियां माना गया है। यहां तक कहा गया है कि “आप का लेखन रहस्यवाद की परतें खोलने वाला लेखन है।” । आपके लेखन के लिए ये भी कहा गया है “जब मनुष्य के अंदर की सत्ता का मनुष्य, बाहर की सत्ता के मनुष्य से बड़ा हो जाता है तभी वह सविता चड्ढा जैसी कहानियां लिख सकता है।” लोग मानते हैं कि आपका लेखन वर्तमान के गर्भ से भविष्य को निकालने वाला लेखन है। आप इन कहानियों को पढ़कर लेखक को और प्रकाशक को अपनी राय से परिचित करवायेंगे?.
Additional information
Author | Savita Chaddha |
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ISBN | 9789390287604 |
Pages | 42 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/meri-pratinidhi-kahaniyaan/p/itmf8c3c7d2263e6?pid=9789390287604 |
ISBN 10 | 939028760X |