कविता कोई उपदेश नहीं, न ही कविता संबंधों की पीड़ा का एहसास है, कविता कुछ लिखे शब्दों का खेल भी नहीं है, कविता तो ईश्वर का आशीर्वाद है जो कवि के अंतर्मन से उपजती है और समाज को सत्यम, शिवम् और सुंदरम का अहसास कराने में अपनी भूमिका का निर्वाह करती है।
About the author
28 अगस्त, 1953 को पानीपत, हरियाणा में जन्मी श्रीमती सविता चड्ढा ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए हिंदी, पत्रकारिता विज्ञापन और जनसंपर्क में डिप्लोमा करने के साथ-साथ आपने दो वर्षीय कमर्शियल प्रैक्टिस डिप्लोमा प्रथम डिवीजन में विशेष योग्यता के साथ पास किया है। श्रीमती सविता चड्ढा ने विविध विषयों पर 1984 से लेखन कार्य कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई हैं। इनकी 47 पुस्तकें (जिनमें 12 कहानी संग्रह, 9 लेख संग्रह, 2 उपन्यास, 3 बाल पुस्तकें, 10 काव्य संग्रह तथा 11 पत्रकारिता पर पुस्तके) प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लिखित तीन कहानियों पर टेलीफिल्म निर्माण हो चुका है और कई कहानियों पर नाटक मंचन हो चुका है। आप 60 से अधिक कहानियां आकाशवाणी पर पढ़ चुके हैं, वहीं कक्षा 6, 7, 8 के पाठ्यक्रम में भी आपकी तीन बाल कहानियों को शामिल किया गया है। आपकी कहानियां अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू भाषा में अनुवादित हैं। आपकी पत्रकारिता की तीन पुस्तकों को दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और देश के कई पत्रकारिता विश्वविद्यालयों में सहायक ग्रंथों के रूप में शामिल किया गया है और पढ़ाया जा रहा है। आपकी कहानियों पर विश्वविद्यालयों में शोध हो चुका है और हो भी रहा है। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व पर कई पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। विविध विषयों पर आपका लेखन अनुकरणीय है। साहित्यिक यात्राएं: न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, अमेरिका, पेरिस, दुबई, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ताशकंद, हॉलैंड, नेपाल जैसे कई देशों की साहित्यिक यात्रा कर चुकी हैं और लगातार साहित्य सृजन में लगी हुई है। सम्मानः हिंदी अकादमी, दिल्ली का 1987 में साहित्यिक कृति पुरस्कार , वूमेन केसरी, साहित्य गौरव, राष्ट्र रत्न , साहित्य सुधाकर, साहित्य शिखर सम्मान, दिल्ली गौरव के अलावा 50 से भी अधिक संस्थाओं ने आप को सम्मानित किया है। हाल ही में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा हरियाणा गौरव सम्मान भी प्राप्त हुआ है।