Na Janam Na Mrityu : Bhagwat Gita Ka Manovigyan – Bhag-2 (न जन्म न मृत्यु : भगवत गीता का मनोविज्ञान – भाग-2)

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

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कर्म-संन्यास विश्राम की अवस्था है, आलस्य की नहीं। कर्मयोग और कर्म-संन्यास दोनों के लिए शक्ति की जरूरत है। दोनों के लिए। आलसी दोनों नहीं हो सकता। आलसी कर्मयोगी तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि कर्म करने की ऊर्जा नहीं है। आलसी कर्मसंन्यासी भी नहीं हो सकता, क्योंकि कर्म के त्याग के लिए भी विराट ऊर्जा की जरूरत है। जितना कर्म को करने के लिए जरूरी है, उतना ही कर्म को छोड़ने के लिए जरूरी है। हिरो को पकड़ने के लिए मुट्ठी में जितनी ताकत चाहिए, हिरो को छोड़ने के लिए और भी ज्यादा ताकत चाहिए। देखें छोड़ कर, तो पता चलेगा। एक रूपए को हाथ में पकड़ें। पकड़े हुए खड़े रहें सड़क पर, और फिर छोड़ें। पता चलेगा कि पकड़ने में कम ताकत लग रही थी, छोड़ने में ज्यादा ताकत लग रही है।— ओशो ISBN10-8189182919

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