पिछले दिनों कश्मीर में जो हुआ उसे लेकर भारतीय मीडिया की अलग-अलग राय है। देश में कहीं खुशी है तो कहीं गम। ऐसे में कश्मीर के जमीनी हालात को करीब से देखना, जहाँ फोन नेटवर्क बंद हो, कर्फ्यू लगा हुआ हो एक मुश्किल काम था। कश्मीर की ग्राउंड रिपोर्ट लिखते समय मैं वहाँ के लोगों से मिली और उनसे घंटों बात की। इससे वहाँ की वास्तविकता और मीडिया रिपोर्ट के अन्तर को समझने में मदद मिली। मैं कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर लेख, व्यंग्य, कहानी लिखने की सोच रही थी लेकिन उपरोक्त माध्यमों से अपनी बात कहना बड़ा ही मुश्किल था। इसलिए मैंने कश्मीर के नये हालात और उनसे उपजी कश्मीर की राजनीतिक, आर्थिक और मनोस्थिति बयान दर्ज करते हुए इसे उपन्यास की शक्ल में लिखा।
Nakabandi (नाकाबन्दी – उपन्यास)
₹150.00
In stock
पिछले दिनों कश्मीर में जो हुआ उसे लेकर भारतीय मीडिया की अलग-अलग राय है। देश में कहीं खुशी है तो कहीं गम। ऐसे में कश्मीर के जमीनी हालात को करीब से देखना, जहाँ फोन नेटवर्क बंद हो, कर्फ्यू लगा हुआ हो एक मुश्किल काम था। कश्मीर की ग्राउंड रिपोर्ट लिखते समय मैं वहाँ के लोगों से मिली और उनसे घंटों बात की। इससे वहाँ की वास्तविकता और मीडिया रिपोर्ट के अन्तर को समझने में मदद मिली। मैं कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर लेख, व्यंग्य, कहानी लिखने की सोच रही थी लेकिन उपरोक्त माध्यमों से अपनी बात कहना बड़ा ही मुश्किल था। इसलिए मैंने कश्मीर के नये हालात और उनसे उपजी कश्मीर की राजनीतिक, आर्थिक और मनोस्थिति बयान दर्ज करते हुए इसे उपन्यास की शक्ल में लिखा।
Additional information
Author | Arifa Avis |
---|---|
ISBN | 9789389807431 |
Pages | 168 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Jr Diamond |
Amazon | |
GooglePlay | https://play.google.com/store/books/details/Arifa_Avis_Nakabandi_______?id=kwLLDwAAQBAJ&hl=en |
ISBN 10 | 9389807433 |