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ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों, संप्रदायों, मठाधीशों, राजनेताओं पर जोरदार प्रहार किया। प्रस्तुत पुस्तक में नई क्रांति का बिगुल भी फूंकते हैं। इसकी रूपरेखा तैयार करते हुए वे गांधी के चिंतन पर भी सवाल उठाते हैं तथा उसे नैतिक पर अवैज्ञानिक कहते हैं। साथ ही भौतिक समृद्धि को अध्यात्म का आधार बताते हैं इसके लिए वे वैज्ञानिक चिंतन का महत्व देते हैं।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
नयी क्रांति की रूपरेखा” में मुख्य रूप से सामाजिक न्याय, समानता, राजनीतिक सुधार, और सांस्कृतिक जागरूकता जैसे विषयों को उठाया गया है। लेखक ने इन विषयों को नई दृष्टि से देखने की प्रेरणा दी है।
नयी क्रांति की रूपरेखा” उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो समाज में परिवर्तन लाने के इच्छुक हैं और नए विचारों को समझने और अपनाने के लिए तैयार हैं। यह पुस्तक समाज सुधारकों और विचारशील पाठकों के लिए आदर्श है।
क्रांति मुख्य रूप से सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक होती है। सामाजिक क्रांति समाज में समानता और न्याय स्थापित करने के लिए होती है, जैसे महिला अधिकार आंदोलन। राजनीतिक क्रांति सत्ता परिवर्तन या नई व्यवस्था स्थापित करने के लिए होती है, जैसे फ्रांसीसी क्रांति, जबकि आर्थिक क्रांति आर्थिक असमानताओं को खत्म करने और विकास लाने के लिए की जाती है, जैसे हरित क्रांति।
विश्व की सबसे बड़ी क्रांति फ्रांसीसी क्रांति मानी जाती है, जो 1789 में शुरू हुई। इसने राजतंत्र को समाप्त कर लोकतंत्र और समानता की नींव रखी। “स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व” का नारा इस क्रांति का प्रमुख आधार था। इसका प्रभाव न केवल फ्रांस बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ा और इसने आधुनिक युग में राजनीतिक और सामाजिक सुधारों की दिशा को बदला।
अमेरिकी स्वतंत्रता क्रांति (1775-1783) को सबसे सफल क्रांति माना जाता है। यह क्रांति ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन से अमेरिका को स्वतंत्रता दिलाने में सफल रही। इस क्रांति के परिणामस्वरूप, एक नए लोकतांत्रिक राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना हुई। इसने न केवल स्वतंत्रता का अधिकार स्थापित किया बल्कि दुनिया को लोकतंत्र और मानव अधिकारों का महत्व भी सिखाया।
Weight | 120 g |
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Dimensions | 17.8 × 12.7 × 1 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8171822711 |
Pages | 200 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822711 |
नयी क्रांति की रुपरेखा समाज और व्यक्ति में मानसिक और सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कृति है। यह पुस्तक नए विचारों और दृष्टिकोणों के माध्यम से समाज को उन्नति की ओर ले जाने का प्रयास करती है। सामाजिक जागृति और सुधार के लिए इसमें सामूहिक चेतना को जागृत करने के उपाय सुझाए गए हैं। यह कृति समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है।
ISBN10: 8171822711
Self Help, Books, Diamond Books