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नौ रत्नों में ‘नीलम’ की प्रधानता सर्वोपरि है। यही एक रत्न है जो तत्काल शुभाशुभ परिणाम दिलाता है और स्टोन धारण के प्रति विश्वास ढ़ाता है। नीलम की अंगूठी पहने हुए साधारण से साधारण व्यक्ति भी राजा, महाराजा, सेठ साहूकार, नेता, अभिनेता, विद्वान किसी से भी हतप्रभ नहीं होता। ‘नीलम’ धारणकर्ता को मात्र 24 घंटे के भीतर ही अपना प्रभाव दिखा देता है। यदि सूट किया तो कंगाल से राजा बना देता है, यदि सूट नहीं किया तो राजा को कंगाल बनाने में देरी नहीं लगाता।
Author | Jagdish Sharma |
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ISBN | 8128811568 |
Pages | 96 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128811568 |
नौ रत्नों में ‘नीलम’ की प्रधानता सर्वोपरि है। यही एक रत्न है जो तत्काल शुभाशुभ परिणाम दिलाता है और स्टोन धारण के प्रति विश्वास ढ़ाता है। नीलम की अंगूठी पहने हुए साधारण से साधारण व्यक्ति भी राजा, महाराजा, सेठ साहूकार, नेता, अभिनेता, विद्वान किसी से भी हतप्रभ नहीं होता। ‘नीलम’ धारणकर्ता को मात्र 24 घंटे के भीतर ही अपना प्रभाव दिखा देता है। यदि सूट किया तो कंगाल से राजा बना देता है, यदि सूट नहीं किया तो राजा को कंगाल बनाने में देरी नहीं लगाता।
ISBN10-8128811568