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O Meri Guldavari (Gazal Sangrah) : ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह)-0
O Meri Guldavari (Gazal Sangrah) : ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह)-11097

O Meri Guldavari (Gazal Sangrah) : ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह)

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

O Meri Guldavari (Gazal Sangrah) : ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह)वरिष्ठ कवि बागी चाचा की लगभग 74 ग़ज़लों का एक ऐसा संग्रह है, जिसकी ग़ज़लें विशुद्ध रूप से हिन्दी की ज़मीन पर रची-बुनी गई हैं। कवि बागी चाचा चूँकि हास्य-व्यंग्य की रचनाओं के लिए जाने और पहचाने जाते हैं तो उनका यह हास्य-व्यंग्य उनकी ग़ज़लों पर भी हावी रहा है; यही कारण है कि उनकी ग़ज़लों के अश्आर कभी खिलखिला कर हँसने पर विवश करते हैं तो कभी ऐसा व्यंग्य अथवा कटाक्ष कर जाते हैं जो मन की गहराईयों तक उतरकर बहुत-कुछ सोचने-विचारने पर विवश कर देते हैं। अपनी बात को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए कवि ने आम लोगों की भाषा का ही प्रयोग किया है और इसके लिए अनेक स्थानों पर उन्होंने ग़ज़ल की परम्परागत बहरों (छन्दों) का अतिक्रमण भी किया है।

किताब का परिचय:

ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह) एक अद्वितीय संकलन है, जिसमें प्रेम, जीवन, और विरह के भावों को संजीदगी से उकेरा गया है। यह ग़ज़ल संग्रह हिंदी और उर्दू साहित्य प्रेमियों के लिए एक अनमोल खजाना है, जो भावनाओं को गहराई से महसूस करना चाहते हैं।

प्रेम और विरह की अभिव्यक्ति:

इस ग़ज़ल संग्रह में प्रेम की मिठास और विरह के दर्द को खूबसूरती से व्यक्त किया गया है। हर ग़ज़ल दिल को छूने वाली है और पाठक को गहराई से प्रभावित करती है।

शब्दों की संवेदनशीलता:

ग़ज़लें सरल, लेकिन दिल को छू लेने वाले शब्दों से सजी हुई हैं। यह संग्रह न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए है जो जीवन की भावनाओं को शब्दों के माध्यम से जीना चाहते हैं।

क्यों पढ़ें ओ मेरी गुलदावरी (ग़ज़ल संग्रह):

अगर आप अपने दिल की गहराइयों में उतरने और भावनाओं को शब्दों के माध्यम से महसूस करने की चाहत रखते हैं, तो यह संग्रह आपके लिए है। यह किताब आपके भावनात्मक अनुभवों को और गहरा करने का मौका देती है।

About the Author

मूल नाम : जय किशन कौशिक
जन्म : 7 अक्टूबर, 1948
शिक्षा : बी.ए., बी.एड.
सम्मान : विद्यार्थी जीवन में चित्रकला में विशेष रूचि । कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय द्वारा 1970 में चित्रकला में प्रथम पुरस्कार मिला। कॉलेज का बेस्ट डिबेटर घोषित। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के अतिरिक्त देशभर के अनेक कवि सम्मेलनों में कविता पाठ । हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में प्रतिष्ठित |
प्रकाशित कृति : पेड़ और पुत्र, काव्य सप्तक, मुर्गासन, गजल संग्रह, ‘ओ मेरी गुलदावरी’, दीनू की पुकार ।
सम्प्रति : भारत सरकार के शहरी विकास मन्त्रालय में वरिष्ठ लेखकार के पद से सेवा निवृत ।
इमेल : [email protected]

Additional information

Weight 0.1 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 0.7 cm
Author

Bagi Chacha

ISBN

9789359203799

Pages

128

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359203793

Flipkart

https://www.flipkart.com/o-meri-guldavari-gazal-sangrah/p/itmc040d35a06467?pid=9789359203799

ISBN 10

9359203793

ओ मेरी गुलदावरी वरिष्ठ कवि बागी चाचा की लगभग 74 ग़ज़लों का एक ऐसा संग्रह है, जिसकी ग़ज़लें विशुद्ध रूप से हिन्दी की ज़मीन पर रची-बुनी गई हैं। कवि बागी चाचा चूँकि हास्य-व्यंग्य की रचनाओं के लिए जाने और पहचाने जाते हैं तो उनका यह हास्य-व्यंग्य उनकी ग़ज़लों पर भी हावी रहा है; यही कारण है कि उनकी ग़ज़लों के अश्आर कभी खिलखिला कर हँसने पर विवश करते हैं तो कभी ऐसा व्यंग्य अथवा कटाक्ष कर जाते हैं जो मन की गहराईयों तक उतरकर बहुत-कुछ सोचने-विचारने पर विवश कर देते हैं। अपनी बात को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए कवि ने आम लोगों की भाषा का ही प्रयोग किया है और इसके लिए अनेक स्थानों पर उन्होंने ग़ज़ल की परम्परागत बहरों (छन्दों) का अतिक्रमण भी किया है।

About the Author

मूल नाम : जय किशन कौशिक
जन्म : 7 अक्टूबर, 1948
शिक्षा : बी.ए., बी.एड.
सम्मान : विद्यार्थी जीवन में चित्रकला में विशेष रूचि । कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय द्वारा 1970 में चित्रकला में प्रथम पुरस्कार मिला। कॉलेज का बेस्ट डिबेटर घोषित। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के अतिरिक्त देशभर के अनेक कवि सम्मेलनों में कविता पाठ । हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में प्रतिष्ठित |
प्रकाशित कृति : पेड़ और पुत्र, काव्य सप्तक, मुर्गासन, गजल संग्रह, ‘ओ मेरी गुलदावरी’, दीनू की पुकार ।
सम्प्रति : भारत सरकार के शहरी विकास मन्त्रालय में वरिष्ठ लेखकार के पद से सेवा निवृत ।
इमेल : [email protected]

ISBN10-9359203793

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