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मेरे देखे, व्यक्ति का महत सम्मान ही सही अर्थों में धार्मिक होने का अनिवार्य सारतत्व है। तुम स्वयं जैसे होओ और दूसरों को उनके जैसा होने दो और यह जीवन, यह पृथ्वी अभी और यहीं कमलस्वर्ग बन सकते हैं।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
ॐ मणि पद्मे हुम् एक प्राचीन बौद्ध मंत्र है, जिसका अर्थ है ‘कमल के भीतर रत्न’। यह मंत्र प्रेम, करुणा, ज्ञान, और शांति की भावना का प्रतीक है।
ॐ मणि पद्मे हुम् मंत्र मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है, विशेष रूप से तिब्बती बौद्ध धर्म में यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह करुणा के बोधिसत्व अवलोकितेश्वर से संबंधित है।
ॐ मणि पद्मे हुम् मंत्र में छह अक्षर होते हैं। प्रत्येक अक्षर मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है और इनका उद्देश्य आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति है।
ओम मणि पद्मे हम का जाप मानसिक शांति, संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसे करुणा तथा प्रेम की भावना से अभिभूत करता है। इसके जाप से आत्मा की शुद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
बौद्ध धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र ओम मणि पद्मे हम माना जाता है। यह मंत्र तिब्बती बौद्ध धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और अवलोकितेश्वर बोधिसत्त्व की करुणा का प्रतीक है। इसका जाप करने से मानसिक शांति, आत्मज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है, और यह व्यक्ति के भीतर करुणा और दया की भावना को जागृत करता है।
Weight | 240 g |
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Dimensions | 19.8 × 12.9 × 0.2 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8128808877 |
Pages | 176 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128808877 |
ॐ मणि पद्मे हुम् बौद्ध धर्म का पवित्र मंत्र है जो करुणा और शुद्धता का प्रतीक है। यह मंत्र ध्यान और आध्यात्मिक जागरण के मार्ग पर चलने में सहायता करता है। “मणि” रत्न और “पद्मे” कमल को दर्शाता है, जो ज्ञान और शुद्धता का प्रतीक है। इस मंत्र का नियमित जाप मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्रदान करता है। यह कृति आत्मिक विकास और करुणा की भावना को बढ़ाने में सहायक है।
ISBN: 8128808877 ISBN10-8128808877
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics