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Papa Abhi Jinda Hain (पापा अभी जिंदा हैं)

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पिछले 48 वर्ष से साहित्य और पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय कृष्ण नागपाल का जन्म हरियाणा के ऐतिहासिक शहर पानीपत में हुआ । आठवीं तक की पढ़ाई भी वहीं की । उसके बाद की शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ के हरे-भरे शहर कटघोरा एवं बिलासपुर में। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी बिलासपुर की साहित्यिक आबोहवा में रचे बसे लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों के सुखद सानिध्य ने कलम और कला से अटूट रिश्ता जोड़ दिया | प्रदेश और देश के नजदीक से देखने की प्रबल लालसा ने पैरों में चक्के लगा दिये। इसी दौरान अकेले तथा साहित्यिक मित्रों के साथ भटकने का भरपूर आनंद लिया। पहली कहानी, ‘जला हुआ आदमी’ देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होने वाले दैनिक वीर अर्जुन में प्रकाशित हुई। कालांतर में देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियों तथा व्यंग्य रचनाओं के प्रकाशित होने के सिलसिले ने प्रोत्साहित किया। कहानी के साथ-साथ उपन्यास लेखन की भी राह पकड़ी। प्रथम लघु उपन्यास, ‘जंगल में भटकते यात्री’ को स्थापित धुरंधर उपन्यासकारों ने तहेदिल से सराहा। रोजी-रोटी की जरूरत पत्रकारिता में ले आयी। बिलासपुर तथा रायपुर से प्रकाशित होने वाले दैनिक लोकस्वर, युगधर्म, समवेत शिखर आदि में कार्य अनुभव प्राप्त करने के पश्चात महाराष्ट्र की संतनगरी नागपुर से स्वयं के साप्ताहिक ‘विज्ञापन की दुनिया’ एवं ‘राष्ट्र पत्रिका’ का प्रकाशन प्रारंभ किया । चीन, ताशकंद, मारिशस, बैंकाक, कम्बोडिया, वियतनाम, सिंगापुर सहित कुछ अन्य देशों की साहित्यिक यात्राओं के दौरान कई नये मित्रों से मेल मुलाकात करने का सुअवसर मिला। इन सभी यात्राओं ने वहां की संस्कृति और वातावरण से रूबरू करवाया तथा इस निष्कर्ष पर भी पहुंचाया कि अपने देश भारत की बात ही कुछ और है। यहां जो आत्मिक खुशी और संतुष्टि मिलती है, वह और कहीं नहीं … ।

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Papa Abhi Jinda Hain (पापा अभी जिंदा हैं)
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पिछले 48 वर्ष से साहित्य और पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय कृष्ण नागपाल का जन्म हरियाणा के ऐतिहासिक शहर पानीपत में हुआ । आठवीं तक की पढ़ाई भी वहीं की । उसके बाद की शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ के हरे-भरे शहर कटघोरा एवं बिलासपुर में। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी बिलासपुर की साहित्यिक आबोहवा में रचे बसे लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों के सुखद सानिध्य ने कलम और कला से अटूट रिश्ता जोड़ दिया | प्रदेश और देश के नजदीक से देखने की प्रबल लालसा ने पैरों में चक्के लगा दिये। इसी दौरान अकेले तथा साहित्यिक मित्रों के साथ भटकने का भरपूर आनंद लिया। पहली कहानी, ‘जला हुआ आदमी’ देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होने वाले दैनिक वीर अर्जुन में प्रकाशित हुई। कालांतर में देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियों तथा व्यंग्य रचनाओं के प्रकाशित होने के सिलसिले ने प्रोत्साहित किया। कहानी के साथ-साथ उपन्यास लेखन की भी राह पकड़ी। प्रथम लघु उपन्यास, ‘जंगल में भटकते यात्री’ को स्थापित धुरंधर उपन्यासकारों ने तहेदिल से सराहा। रोजी-रोटी की जरूरत पत्रकारिता में ले आयी। बिलासपुर तथा रायपुर से प्रकाशित होने वाले दैनिक लोकस्वर, युगधर्म, समवेत शिखर आदि में कार्य अनुभव प्राप्त करने के पश्चात महाराष्ट्र की संतनगरी नागपुर से स्वयं के साप्ताहिक ‘विज्ञापन की दुनिया’ एवं ‘राष्ट्र पत्रिका’ का प्रकाशन प्रारंभ किया । चीन, ताशकंद, मारिशस, बैंकाक, कम्बोडिया, वियतनाम, सिंगापुर सहित कुछ अन्य देशों की साहित्यिक यात्राओं के दौरान कई नये मित्रों से मेल मुलाकात करने का सुअवसर मिला। इन सभी यात्राओं ने वहां की संस्कृति और वातावरण से रूबरू करवाया तथा इस निष्कर्ष पर भी पहुंचाया कि अपने देश भारत की बात ही कुछ और है। यहां जो आत्मिक खुशी और संतुष्टि मिलती है, वह और कहीं नहीं … ।

Additional information

Author

Krishna Nagpal

ISBN

9789359646619

Pages

192

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/935964661X

ISBN 10

935964661X