परीक्षा गुरु, लाला श्रीनिवास दास द्वारा रचित, हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास है। १८८२ में प्रकाशित यह रचना, सामाजिक यथार्थवाद और शिक्षा प्रणाली पर तीखी व्यंग्य रचना है।
कहानी का केंद्र मदनमोहन नामक एक युवक है, जो परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए अनेक षड्यंत्रों का सहारा लेता है। उसे ब्रजकिशोर नामक एक धूर्त व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होता है, उसे परीक्षा में सफल होने के ‘गुर’ सिखाता है।
पुस्तक का महत्व
• हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण रचना
• सामाजिक यथार्थवाद का सशक्त चित्रण
• शिक्षा प्रणाली पर तीखी व्यंग्य
• सरल भाषा और रोचक शैली ‘परीक्षा गुरु’ न केवल मनोरंजक है, बल्कि समाज के प्रति एक सचेत नजरिया भी प्रदान करता है। यह शिक्षा प्रणाली और सामाजिक मूल्यों पर गहन विचार करने के लिए प्रेरित करता है।
Pariksha Guru (Hindi Ka Pratham Maulik Upnyas) : परीक्षा गुरु (हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास)
₹200.00
Kedar Se Kailash Tak - Aarambh (केदार से कैलाश तक - आरम्भ)
₹250.00
Pariksha Guru (Hindi Ka Pratham Maulik Upnyas) : परीक्षा गुरु (हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास)
₹400.00
Additional information
Weight | 0.370 g |
---|---|
Dimensions | 21.59 × 13.97 × 1.9 cm |
Author | Lala Shrinivas Das |
ISBN-13 | 9789363185968 |
ISBN-10 | 9363185966 |
Pages | 192 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart |