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Patnjali Yog Sutra 2 by osho (पतंजलि योग सूत्र 2) 

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Patnjali Yog Sutra 2 (पतंजलि योग सूत्र 2) 

पतंजलि योग सूत्र 2 में ओशो ने पतंजलि के योग दर्शन की गहरी परतों को उजागर किया है, जिसमें ध्यान और आत्म-अनुशासन की परिवर्तनकारी शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ओशो इस प्राचीन ज्ञान को समकालीन साधकों के लिए सरल और प्रासंगिक बनाते हैं।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eपतंजलि योग सूत्र 2 क्या है?u003c/strongu003e

पतंजलि योग सूत्र 2 पतंजलि के शास्त्रीय योग ग्रंथ का दूसरा भाग है, जो योग के व्यावहारिक पक्षों जैसे आत्म-अनुशासन और ध्यान पर केंद्रित है।

u003cstrongu003eपतंजलि के सूत्रों पर ओशो की व्याख्या क्यों महत्वपूर्ण है?u003c/strongu003e

ओशो पतंजलि की शिक्षाओं को आधुनिक जीवन में प्रासंगिक बनाकर सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत करते हैं।

u003cstrongu003eओशो ने योग सूत्र 2 में ध्यान को कैसे समझाया है?u003c/strongu003e

ओशो ध्यान को योग सूत्र 2 में एक महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप में मानते हैं, जो आंतरिक शांति और मस्तिष्क की स्पष्टता की ओर ले जाता है।

u003cstrongu003eक्या शुरुआती लोग ओशो द्वारा पतंजलि योग सूत्र 2 पढ़ सकते हैं?u003c/strongu003e

हां, ओशो की व्याख्याएं शुरुआती और अनुभवी साधकों दोनों के लिए उपयुक्त हैं, जो योग के गहरे रहस्यों को उजागर करती हैं

u003cstrongu003eपतंजलि योग सूत्र 2 में आत्म-अनुशासन का क्या महत्व है?u003c/strongu003e

आत्म-अनुशासन योग सूत्र 2 का एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जो व्यक्ति को अपने विचारों और कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आंतरिक शांति प्राप्त होती है।

Additional information

Weight 570 g
Dimensions 22.86 × 15.24 × 2.31 cm
Author

Osho

ISBN

8184191324

Pages

164

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Fusion Books

ISBN 10

8184191324

पतंजलि का योग-सूत्र कोई दार्शनिक व्यवस्था नहीं है। यह अनुभवात्मक है। यह एक उपकरण है, जिससे कुछ किया जाना है। लेकिन फिर भी इसमें एक दर्शन समाहित है। यह भी तुम्हें इस बात की बौद्धिक समझ देने के लिए कि तुम कहां जा रहे हो, क्या खोज रहे हो।

ISBN10-8184191324 ISBN10-8184191324

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