Patnjali Yog Sutra Vol-4 by Osho-(पतंजलि योग सूत्र 4)
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पतंजलि योग सूत्र भाग 4 ओशो की व्याख्याओं का अंतिम खंड है, जिसमें योग के सर्वोच्च सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पुस्तक में ओशो योग के अंतिम चरण, समाधि और मोक्ष की अवस्थाओं को विस्तार से समझाते हैं। ओशो की सरल भाषा और गहरी अंतर्दृष्टि योग के गहन पहलुओं को सुलभ और प्रासंगिक बनाती है। यह पुस्तक योग और ध्यान की अंतिम अवस्थाओं को जानने के इच्छुक साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
u003cstrongu003eपतंजलि योग सूत्र 4 क्या है?u003c/strongu003e
u003cemu003eपतंजलि योग सूत्र 4u003c/emu003e पतंजलि के योग सूत्रों का अंतिम खंड है, जिसमें ध्यान, समाधि और मोक्ष की अवस्थाओं पर गहन चर्चा की गई है। ओशो की व्याख्या इन गहन विषयों को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है
u003cstrongu003eओशो पतंजलि योग सूत्र 4 में मोक्ष को कैसे परिभाषित करते हैं?u003c/strongu003e
ओशो मोक्ष को आत्मा की पूर्ण स्वतंत्रता और आत्म-ज्ञान की अवस्था के रूप में परिभाषित करते हैं। यह वह स्थिति है जहां साधक संसार के सभी बंधनों से मुक्त होकर परम शांति और आनंद का अनुभव करता है।
u003cstrongu003eक्या पतंजलि योग सूत्र 4 ध्यान की गहरी अवस्थाओं को समझाता है?u003c/strongu003e
हां, पतंजलि योग सूत्र 4 ध्यान और समाधि की गहरी अवस्थाओं पर केंद्रित है। ओशो इन अवस्थाओं की व्याख्या करते हैं, जो साधक को योग के अंतिम लक्ष्य—मोक्ष—तक पहुंचने में मदद करती हैं।
u003cstrongu003eओशो की व्याख्या पतंजलि योग सूत्र 4 में कैसे विशेष है?u003c/strongu003e
ओशो की व्याख्या पारंपरिक टीकाओं से हटकर आधुनिक जीवन के संदर्भ में योग के गहन सिद्धांतों को सरल और स्पष्ट बनाती है। उनकी शैली साधकों को योग के अंतिम चरणों को समझने में मदद करती है।
u003cstrongu003eपतंजलि योग सूत्र 4 में समाधि का क्या महत्व है?u003c/strongu003e
समाधि योग का अंतिम लक्ष्य है, जहां साधक अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानता है। ओशो इसे आत्म-ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने की अवस्था के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो योग का सर्वोच्च फल है।
u003cstrongu003eपतंजलि योग सूत्र 4 का मुख्य उद्देश्य क्या है?u003c/strongu003e
इस खंड का मुख्य उद्देश्य साधकों को योग की अंतिम अवस्थाओं, जैसे समाधि और मोक्ष, को समझाना और उन्हें इन अवस्थाओं तक पहुंचने के मार्गदर्शन देना है। ओशो इसे आत्मिक विकास का अंतिम चरण मानते हैं
u003cstrongu003eओशो के अनुसार, मोक्ष की प्राप्ति कैसे होती है?u003c/strongu003e
ओशो के अनुसार, मोक्ष ध्यान, आत्म-अनुशासन और समाधि की गहन अवस्थाओं के माध्यम से प्राप्त होता है। यह अवस्था संसार के बंधनों से मुक्त होकर आत्मा की पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव है
Additional information
Weight | 560 g |
---|---|
Dimensions | 22.86 × 15.31 × 3 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8184191340 |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Fusion Books |
ISBN 10 | 8184191340 |
पतंजलि योग-सूत्र ‘योग दि अल्फा एंड दि ओमेगा’ शीर्षक से ओशो द्वारा अंग्रेजी में दिए गए सौ अमृत प्रवचनों में से तृतीय प्रवचनों में से चतुर्थ बीस प्रवचनों का हिंदी अनुवाद।
ISBN10-8184191340 ISBN10-8184191340
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