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Patnjali Yog Sutra Vol. 5 by OSho-(पतंजलि योग-सूत्र भाग 5)

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स्वभाव को लाओत्सु ताओ कहता है, पतंजलि कैवल्य कहते हैं, महावीर मोक्ष कहते हैं, बुद्ध निर्वाण कहते हैं। लेकिन तुम इसको चाहे कुछ भी नाम दो- इसका न कोई नाम है और न कोई रूप – यह तुम्हारे भीतर है वर्तमान, ठीक इसी क्षण में। तुमने सागर को खो दिया था क्योंकि तुम अपने स्व से बाहर आ गए थे। तुम बाहर के संसार में बहुत अधिक दूर चले गए थे। भीतर की ओर चलो। इसको अपनी तीर्थयात्रा बन जाने दो- भीतर चलो।

ISBN10-8184191359

पंतजलि योग सूत्र 5-0
Patnjali Yog Sutra Vol. 5 by OSho-(पतंजलि योग-सूत्र भाग 5)
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Patnjali Yog Sutra Vol. 5

पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 ओशो की व्याख्या की अंतिम कड़ी है, जिसमें पतंजलि के योग सूत्रों के उच्चतम और अंतिम सिद्धांतों पर चर्चा की गई है। ओशो योग की गहरी अवस्थाओं, जैसे समाधि और मोक्ष को सरल भाषा में समझाते हैं। यह पुस्तक उन साधकों के लिए अत्यधिक उपयोगी है जो आत्मिक विकास और मोक्ष की गहराई को समझना चाहते हैं।

पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 क्या है?

पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 ओशो की व्याख्या का अंतिम खंड है, जिसमें पतंजलि के योग सूत्रों के उच्चतम सिद्धांतों को विस्तार से समझाया गया है। यह पुस्तक समाधि और मोक्ष जैसी गहन अवस्थाओं पर केंद्रित है।

ओशो पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 में मोक्ष को कैसे परिभाषित करते हैं?

ओशो मोक्ष को आत्मा की पूर्ण मुक्ति और जागृति की अवस्था बताते हैं। यह अवस्था योग का सर्वोच्च लक्ष्य है, जहां साधक संसार के बंधनों से पूरी तरह मुक्त हो जाता है।

ओशो पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 में मोक्ष को कैसे परिभाषित करते हैं?

ओशो मोक्ष को आत्मा की पूर्ण मुक्ति और जागृति की अवस्था बताते हैं। यह अवस्था योग का सर्वोच्च लक्ष्य है, जहां साधक संसार के बंधनों से पूरी तरह मुक्त हो जाता है।

क्या पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 ध्यान की गहरी अवस्थाओं पर केंद्रित है?

हां, इस खंड में ध्यान की गहरी अवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। ओशो ध्यान और समाधि की प्रक्रियाओं को आधुनिक संदर्भ में समझाते हैं और साधकों को इन अवस्थाओं तक पहुंचने के मार्गदर्शन देते हैं।

ओशो की व्याख्या पतंजलि योग-सूत्र 5 में कैसे विशेष है?

ओशो की व्याख्या आधुनिक जीवन के संदर्भ में योग के गहन सिद्धांतों को सरल बनाती है। वे पारंपरिक टीकाओं की तुलना में जटिल अवधारणाओं को दैनिक जीवन में प्रासंगिक बनाते हैं।

पतंजलि योग-सूत्र भाग 5 में समाधि का क्या महत्व है?

समाधि योग का अंतिम लक्ष्य है, जहां साधक अपने वास्तविक स्वरूप का साक्षात्कार करता है। ओशो इसे आत्मिक शांति और परम जागृति की अवस्था के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो मोक्ष की ओर ले जाती है।

Additional information

Weight 700 g
Dimensions 22.89 × 15.24 × 3 cm
Author

Osho

ISBN

8184191359

Pages

144

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Fusion Books

ISBN 10

8184191359