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आचार्य चतुरसेन की विशिष्ट कहानियों का यह अनुपम संकलन है। सम्भवतः इस संग्रह में उनकी प्रारंभिक कहानियां संकलित हैं। इन रचनाओं का काल सन् 1920-30 के आसपास माना गया है। इन कहानियों में मानव की मनोवृत्ति का और सामाजिक विसंगतियों का अध्ययन किया गया है। यह कहानी संग्रह उत्कृष्ट मानसिक घात-प्रतिघातों मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तो है ही बल्कि इस संग्रह ने समाजिक, राजनैतिक और राजसी वैभव का भी रेखाचित्र खींचने का प्रयास किया गया है।
इस संग्रह की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें न सिर्फ पात्रें के बिम्ब-प्रतिबिम्ब अपने समय के मनुष्य को वर्णित करता है बल्कि अपने सामाजिक परिवेश का चित्रण इस प्रकार किया है जैसे कि हम उसी समय में विचरण कर रहें हो।.
Author | Acharya Chatursen |
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ISBN | 9789354860140 |
Pages | 32 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/patthar-yug-ke-do-boot/p/itm5bec0c7318ab0?pid=9789354860140 |
ISBN 10 | 9354860141 |
आचार्य चतुरसेन की विशिष्ट कहानियों का यह अनुपम संकलन है। सम्भवतः इस संग्रह में उनकी प्रारंभिक कहानियां संकलित हैं। इन रचनाओं का काल सन् 1920-30 के आसपास माना गया है। इन कहानियों में मानव की मनोवृत्ति का और सामाजिक विसंगतियों का अध्ययन किया गया है। यह कहानी संग्रह उत्कृष्ट मानसिक घात-प्रतिघातों मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तो है ही बल्कि इस संग्रह ने समाजिक, राजनैतिक और राजसी वैभव का भी रेखाचित्र खींचने का प्रयास किया गया है।
इस संग्रह की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें न सिर्फ पात्रें के बिम्ब-प्रतिबिम्ब अपने समय के मनुष्य को वर्णित करता है बल्कि अपने सामाजिक परिवेश का चित्रण इस प्रकार किया है जैसे कि हम उसी समय में विचरण कर रहें हो।.
ISBN10-9354860141