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कैवल्य उपनिषद की व्याख्या पढ़कर हम भले ही कैवल्य, मोक्ष या मुक्ति प्राप्त न कर पाएं किंतु यह निश्चित है कि अपने तथाकथित ज्ञान की मूर्खतापूर्ण पर्तों से. जो हमारे असंस्कृत संस्कारों ने सदियों से हमारी विवेक ग्रंथियों पर गढ़ दी हैं, अवश्य मुक्ति पा जाएंगे और उपनिषद प्रणेता ऋषियों द्वारा गाए हुए मंत्रों के संगीत की ध्वनि को ठीक रूप में सुन सकेंगे।
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
क्या “प्रार्थना के बीज” पुस्तक में प्रार्थना करने के तरीके बताए गए हैं?
हां, “प्रार्थना के बीज” में प्रार्थना करने के विभिन्न तरीके और उनके महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है, जो पाठकों को ध्यान और प्रार्थना की सही विधियों के बारे में सिखाते हैं।
“प्रार्थना के बीज” किस प्रकार की प्रार्थनाओं पर केंद्रित है?
“प्रार्थना के बीज” पुस्तक में ध्यानपूर्ण, भक्तिपूर्ण, और आत्मिक प्रार्थनाओं का उल्लेख किया गया है, जो व्यक्ति को आंतरिक शांति और ईश्वर से जुड़ने में मदद करती हैं।
“प्रार्थना के बीज” पुस्तक किस तरह से जीवन में बदलाव ला सकती है?
“प्रार्थना के बीज” पुस्तक पाठकों को आत्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। नियमित प्रार्थना से मानसिक शांति, संतुलन और ईश्वर से गहरा संबंध स्थापित हो सकता है।
क्या “प्रार्थना के बीज” पुस्तक में व्यक्तिगत अनुभव साझा किए गए हैं?
हां, “प्रार्थना के बीज” में लेखक ने प्रार्थना के माध्यम से प्राप्त व्यक्तिगत अनुभवों और जीवन में आए बदलावों का भी उल्लेख किया है, जो प्रेरणादायक हैं।
“प्रार्थना के बीज” पढ़ने से व्यक्ति को क्या लाभ हो सकता है?
“प्रार्थना के बीज” पुस्तक पढ़ने से व्यक्ति को आत्मिक शांति, मानसिक संतुलन और आंतरिक सुख की अनुभूति होगी। साथ ही, प्रार्थना की विधाओं को समझने में भी मदद मिलेगी।
क्या “प्रार्थना के बीज” में प्रार्थना का वैज्ञानिक पहलू भी समझाया गया है?
हां, “प्रार्थना के बीज” में प्रार्थना के वैज्ञानिक पहलू और इसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों की भी चर्चा की गई है।