Pratyaropan ka Ant (प्रत्यारोपण का अंत)

200.00

डॉक्टर बिस्वरूप रॉय चौधरी ने सीकेडी मरीजों की स्थिति को रिवर्स करने के लिए ग्रैड प्रणालीको विकसित किया है। उनके इस उपचार प्रोटोकॉल से सीकेडी के हजारों मरीजों को फायदा हुआ है और अनेक अस्पतालों ने पहले ही इस प्रणाली को अपना लिया है। श्रीधर विश्वविद्यालय ने दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज के साथ मिलकर सीकेडी मरीजों पर ग्रैड प्रणाली की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए एक अवलोकन शोध अध्ययन किया है। इस शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि जिन मरीजों ने ग्रेड प्रणाली को पूर्ण रूप से अपनाया था उनमें से 75 प्रतिशत डायलिसिस से मुक्त हो गए और 89 प्रतिशत मरीजों की दवाओं पर पूर्ण अथवा आंशिक रूप से निर्भरता कम हो गई।
अत: सीकेडी को रिवर्स करने के लिए ग्रैड प्रणाली ही केवल वैज्ञानिक रूप से प्रामाणिक है।

About the Author

डायबिटीज में पीएचडी करने वाले डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी अपने क्रांतिकारी डीआईपीडाइट, एनआईसीई प्रोटोकॉल और पोस्व्युरल मेडिसिन के लिए विश्व विख्यात हैं। उन्होंने 25 किताबें लिखी हैं और स्विट्जरलैंड, मलेशिया, वियतनाम तथा भारत में अपने स्वास्थ्य केन्द्र चलाते हैं। वह लिंकन यूनिवर्सिटी के लिए इमरजेंसी लाइफ स्पोर्ट कार्यक्रम के अलावा मेडिकल न्यूट्रिशन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं। उनके हाल ही के नवीन कार्यों में हिम्स अस्पताल शामिल है जो सीकेडी को रिवर्स करने में विशेषज्ञता हासिल करने वाले अस्पतालों की एक श्रृंखला है।

Additional information

Author

Dr. Biswaroop Roy Chowdhury

ISBN

9789355991256

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9355991258

Flipkart

https://www.flipkart.com/pratyaropan-ka-ant-hindi/p/itmac8a26344a0cd?pid=9789355991256

ISBN 10

9355991258

डॉक्टर बिस्वरूप रॉय चौधरी ने सीकेडी मरीजों की स्थिति को रिवर्स करने के लिए ग्रैड प्रणालीको विकसित किया है। उनके इस उपचार प्रोटोकॉल से सीकेडी के हजारों मरीजों को फायदा हुआ है और अनेक अस्पतालों ने पहले ही इस प्रणाली को अपना लिया है। श्रीधर विश्वविद्यालय ने दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज के साथ मिलकर सीकेडी मरीजों पर ग्रैड प्रणाली की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए एक अवलोकन शोध अध्ययन किया है। इस शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि जिन मरीजों ने ग्रेड प्रणाली को पूर्ण रूप से अपनाया था उनमें से 75 प्रतिशत डायलिसिस से मुक्त हो गए और 89 प्रतिशत मरीजों की दवाओं पर पूर्ण अथवा आंशिक रूप से निर्भरता कम हो गई।

अत: सीकेडी को रिवर्स करने के लिए ग्रैड प्रणाली ही केवल वैज्ञानिक रूप से प्रामाणिक है।

About the Author

डायबिटीज में पीएचडी करने वाले डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी अपने क्रांतिकारी डीआईपीडाइट, एनआईसीई प्रोटोकॉल और पोस्व्युरल मेडिसिन के लिए विश्व विख्यात हैं। उन्होंने 25 किताबें लिखी हैं और स्विट्जरलैंड, मलेशिया, वियतनाम तथा भारत में अपने स्वास्थ्य केन्द्र चलाते हैं। वह लिंकन यूनिवर्सिटी के लिए इमरजेंसी लाइफ स्पोर्ट कार्यक्रम के अलावा मेडिकल न्यूट्रिशन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं। उनके हाल ही के नवीन कार्यों में हिम्स अस्पताल शामिल है जो सीकेडी को रिवर्स करने में विशेषज्ञता हासिल करने वाले अस्पतालों की एक श्रृंखला है।

ISBN10-9355991258

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