पशु-पक्षियों के लिए ही नहीं, स्वयं अपने लिए भी हमने इस धरती को रहने योग्य नहीं छोड़ा है। चील, गिद्ध और कौए जो धरती के प्रदूषित वातावरण से बचकर आकाश के स्वच्छ वातावरण में सांस लेने के लिए उड़ान भर लिया करते थे, अब वह आकश भी उनके अनुकूल नहीं रहा है आकाश को भी मनुष्य ने कचरे और प्रदूषण से बुरी तरह भर दिया है।
इसी चिंता की अभिव्यक्ति के लिए इस पुस्तक का सृजन हुआ है। पर्यावरण और इसकी समस्या के लगभग हर पहलू को छूती हुई एक विशिष्ट पुस्तक-पर्यावरण दशा और दिशा।
ISBN10-8128802127