About the Book
इस संसार में अकेले रहना संभव ही नहीं, चाहे दिन हो या रात, चाहे जाड़ा हो या बरसात, चाहे घर के अंदर हो या घर के बाहर आपको लोगों से मिलना ही पड़ता है आपकी खुशी और आपकी सफलता का बहुत बड़ा प्रतिशत इस बात पर निर्भर करता है की आप लोगों से कैसे व्यवहार करते हैं सरल शब्दों में जो लोग लोकव्यवहार की कला में माहिर होते हैं उनका जीवन सुखमय और सफल तो होता ही है साथ ही साथ उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती है और जो लोग इस कला में पीछे रह जाते हैं दुर्भाग्यवश उन्हें जीवन में दूसरों से सहयोग पाने में अपनी बातों को समझाने और मनवाने में समस्याएं आती हैं जिसकी वजह से उनके जीवन में दुख और असंतोष बढ़ जाता है।
“राजल नीति लोक व्यवहार ” पढ़ें और जानें की :
• प्रशंसा कैसे करें? • अगर आलोचना करनी पड़ जाए तो कैसे करें? • बेहतर तरीके से बातचीत कैसे करें?
• मुस्कुराने का महत्व • बहस से कैसे बचा जाए? • गुस्से को कैसे नियंत्रित किया जाए? इत्यादि
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपको एक अच्छा इंसान बनाएगी?
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपको लोकप्रिय बनाएगी और आपके मित्रों और शुभचिंतकों की संख्या बढ़ाएगी ?
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपका आत्मविश्वास बढ़ाएगी ?
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपको ज़्यादा खुश व उत्साही बनाएगी ?
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपके परिचित का दायरा और आपका नेटवर्क बढ़ाएगी ?
• कैसे लोक व्यवहार की कला आपको धनवान बनने में और धन बचाने में भी आपकी सहायता करेगी ?
About the Author
राजल” बेस्ट सेलर लेखक व वक्ता हैं। उनकी पुस्तक “राजलनीति टाइम मैनेजमेंट” और “राजल नीति स्ट्रेस मैनेजमेंट ” बेस्ट सेलर रही। “टाइम मैनेजमेंट” और “स्ट्रेस मैनेजमेंट” विषय पर किसी भी भारतीय लेखक की किताब का अनुवाद इतनी भाषाओं में नहीं हुआ जितनी की राजल द्वारा लिखित इन पुस्तकों का हुआ। राजल नीति श्रृंखला की पुस्तकें 14 से अधिक भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है। “राजल नीति टाइम मैनेजमेंट” को उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा विमोचन व भारत के तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी द्वारा शुभकामना संदेश प्राप्त करने का सौभाग्य मिला । “राजल नीति” श्रृंखला की एक अन्य पुस्तकों को उत्तर प्रदेश के माननीय तत्कालीन राज्यपाल श्री राम नाईक जी द्वारा और हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी द्वारा विमोचन का भी सौभाग्य मिला। राजलनीति । पुस्तक के पहले अध्याय ‘बच्चे मुश्किल में हो तो माँ ही काम आती है’ को इंटरनेट पर पाँच लाख से ज्यादा लोगों ने पढ़ा और सराहा । “राजल नीति ” पुस्तकों पर आधारित कोर्स का लाभ हजारों-लाखों लोग उठा रहे हैं। राजल ने जीवन की शुरुआत में लोकव्यवहार की कला व आत्मविश्वास के अभाव को झेला। वो जीवन के सभी क्षेत्रों में असफल थे। पढ़ाई में वो क्लास छठी फेल थे, स्कूल में लगातार मिल रही सजाओं और तानो के कारण उन्होंने पढ़ाई भी छोड़ने का निर्णय लिया था पर अपने दादाजी के प्रोत्साहन और बढ़े हुए आत्मविश्वास के कारण उन्होंने 9 डिग्री / सर्टिफिकेट भी प्राप्त fan for LL.B., PGJMC (JOURNALISM), PGDBA (MBA), BLEVEL (MCA) जैसी 4 प्रोफेशनल डिग्री भी शामिल है। लोकव्यवहार की कला की बदौलत ही उनके पास आज जबरदस्त आत्मविश्वास है और वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल हैं। “राजल नीति लोकव्यवहार” पुस्तक के माध्यम अपने लोकव्यवहार से जुड़े वर्षों के कठिन शोध व मेहनत को आपके समक्ष रख रहे हैं।