टुकड़ा-टुकड़ा संघर्ष एक बाल उपन्यास है| जो जीवन के अंतर्द्वंद को हमारे सामने रखता है| लेखक को साहित्य अकादमी के बाल साहित्य पुरुस्कार से नवाजा गया है जो हमें बताता है कि बाल कृति में लेखक की पकड़ मजबूत है| हमें इस उपन्यास को एक बार जरुर पढ़ना चाहिए प्रोफेसर दिनेश चमोला “शैलेश” जी बहुत ही सहज और आत्मीय स्वभाव के है जिसकी झलक इनकी कृतियों में भी हमें दिखती है|
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