Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

Raj Bhasa Vyavahar in Hindi : (राजभाषा व्यवहार)

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

In stock

Other Buying Options

राजभाषा व्यवहार पुस्तक हिंदी के प्रशासनिक और सरकारी कार्यों में उपयोग के महत्व को विस्तार से समझाती है। इसमें हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियाँ, दिशा-निर्देश और उपायों की जानकारी दी गई है। यह पुस्तक सरकारी कर्मचारियों और हिंदी भाषा के प्रचारक संस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका है। ISBN10- 8128815474

पुस्तक के बारे में

भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार संघ सरकार की राजभाषा हिंदी है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों तथा उसके नियंत्रणाधीन निगमों, निकायों, कंपनियों, उपक्रमों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों आदि में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का दायित्व है कि सभी सरकारी कार्य हिंदी में या आवश्यकतानुसार द्विभाषी हिंदी व अंग्रेजी में किए जाएं।
सामान्यतः सरकार की राजभाषा नीति हमें एक स्थान पर लिखी हुई नहीं मिलती है, जिससे पूरी नीति समझने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राजभाशा नीति की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए छह दस्तावेजों को देखना होता है। जिसमें (1) भारतीय संविधान, (2) राजभाषा अधिनियम 1963 ( यथासंशोधित 1967), (3) राजभाषा संकल्प 1968, (4) राजभाषा नियम 1976 (यथासंशोधित 1987), (5) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक कार्यक्रम तथा (6) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाले अन्य आदेश, अनुदेश आदि ।

राजभाषा सप्ताह क्यों मनाया जाता है?

राजभाषा सप्ताह (15 से 21 सितंबर) का आयोजन हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं और अभियानों के माध्यम से हिंदी के महत्व को प्रचारित किया जाता है।

राजभाषा को कितने भागों में बांटा गया है?

राजभाषा को भारतीय संविधान में तीन भागों में बांटा गया है। पहला भाग हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार करता है। दूसरा भाग राज्यों को अपनी क्षेत्रीय भाषाओं को राजभाषा बनाने का अधिकार देता है। तीसरा भाग हिंदी और अन्य भाषाओं के प्रचार-प्रसार और संरक्षण से संबंधित है।

राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है?

राष्ट्रभाषा और राजभाषा में अंतर यह है कि राष्ट्रभाषा देश की सांस्कृतिक और भाषाई एकता का प्रतीक होती है, जबकि राजभाषा सरकारी कार्यों और प्रशासन में उपयोग की जाती है। भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा माना जाता है, लेकिन इसका संविधान में कोई विशेष दर्जा नहीं है। वहीं, हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है और राज्यों को अपनी क्षेत्रीय भाषा को भी राजभाषा बनाने का अधिकार है।

क्या हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं का भी उपयोग राजभाषा के रूप में किया जा सकता है?

हां, संविधान में यह प्रावधान है कि राज्य अपनी क्षेत्रीय भाषा को भी राजभाषा के रूप में उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार के लिए हिंदी और अंग्रेजी को प्राथमिक भाषाएं माना जाता है।

क्या राजभाषा अधिनियम में हिंदी को केवल एक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है?

नहीं, राजभाषा अधिनियम 1963 के तहत हिंदी को मुख्य रूप से संघ सरकार की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है, लेकिन राज्य सरकारों को अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का भी सम्मान करने का अधिकार दिया गया है।

Additional information

Weight 254 g
Dimensions 20.32 × 12.7 × 1.27 cm
Author

Kusum Vir

ISBN

8128815474

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128815474

ISBN : 9788128815478 SKU 9788128815478 Categories , , , Tags ,

Social Media Posts

This is a gallery to showcase images from your recent social posts